SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 290
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १७, २१, ४ ] चथ सणकुमारु राहिउ संति कुंथु अरु तिणि जिणेसर चक्क अहम धुरंधरु पासणाहचरिउ Jain Education International पउमु णा चक्केसरु णवमउ ra - णिहि - चउदहरणहँ सामिउ बारहमउ छैक्खंड- पहाणउ धत्ता- छैक्खंड वसुंधरि- माणणु कल-गुण- 'जॉव्वण-रूव- णिहि । safe for बारह पालिय जेहि असेस महि ॥ १९ ॥ विजउ हलाउहु आसि पसिद्धउ धम्मु तइज्जउ चउथउ सुप्पहु दि लाउहु छउ दुद्धरु रामु उ णव भासिय हलहर अण्ण-जैम्म कय-तैर्वेण णरेसर जिसियल विपुरं - मंडिय घोरु वीरु तउ करिवि अमच्छरु हलहर अ सिद्धि संपत्ता ans बंभलोइ गउ सगेहों घत्ता-- अण्ण- भवंतरि हलहरहि कैरिव रज्जु महि-मंलि २० आसि 'तिविट्टु दुविट्टु णरोत्तमु पुरिस-सी पंचम वियक्खणु दत्तु आसि सत्तमउ गुणाहिउ ran कण्ह भैणेवि पसिद्धउ रूवें ज्जिउ जेण सुराहिउ । चक-सह पुहवि - परमेसर । भोरणंगण दुद्धरु । विषालु हरिसेणु वि दसमउ । पहु जयसेणु आस सिव- गामिउ । बह्मदत्तु पुहवीरु राणउ । हिदाणहि तउ चिण्णउ.i सिव- सुहु पुणु संपण्णउ ॥ २० ॥ २१ विज्जउचलु गुणेहि समिद्धउ । रु पंचम सुदंसणु ससिपहु । दिमित्त सत्तमउ धुरंधरु । विज्ञावंत चाव - पैहरणधर । उपज इह महिहि हलेसर । जिणवर - दिक्खहि थाहि अखंडिय । पालिवि सील बहुय-संवच्छरु । कलि-मल - पाव - महाबेल - चत्ता । trees विवि अपवगैहों । णामु सयंभु धीरु पुरिसोत्तमु । पुरिसवरु वि पुंडरीउ सलक्खणु । राणु अम राहिउ । बारहवे धण-कणय समिद्धउ । ३ ख - चउत्थउ । ४ क - णिजिउ जेण सुराहिप । ५ ख - पाहु पुहविहिप । ६ ख - अवमउ । ७ ख ९ ख पुहविहिंपा । १० ख रयणहि । ११ ख- छखंड । १२ ख- सर। १३ ख छखंड । १४ ख सुभूम । ८ ख- गणे । जुव्वण । (२०) १ ख- अचल गुणेहिं पसिद्धउ । २ क- पर पं । ३ ख- राउ । ४ ख- परणरवर । ५ ख - जम्मु । ६ ख - तविण । ७ ख सयल | ८ क - मंडि; ख- पर मंडि° । ९ ख - धण । १० क- सग्गहि । ११ गहु । १२ क- अणिदा । मंडले । १५ क, ख संपुण्णउ । १३ ख करेवि । १४ ख [ १५७ (२१) १ ख- तिविट्ठ । २ ख- पुरुसो । ३ ख में यह आधी पंक्ति छूटी है । ४ ख भणेइ । ५ क - मइ घण । For Private Personal Use Only 5 10 5 10 www.jainelibrary.org
SR No.001444
Book TitlePasanahchariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmkirti
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1965
Total Pages538
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy