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________________ ३३८ प्राकृतपैंगलम् कहा गया, उत्ते १९१, उत्ता २.१५० | एआईस (एकविंशति) एआईसेहिँ (क) उत्तद्ध (उत्तरार्ध) १.५२ (एकविंशतिभिः) करण ब० व० | कंकण २.१८०, २.२००, २.२०२, २.२०९ उत्तम १.१५९, २.२१५ उत्तम, अच्छा हि० इक्कीस राज० इक्कीस, अक्कीस हाथ का आभूषण, गुरु वर्ण (5) उत्तरद्ध १.७३ उत्तरार्ध एआरह (एकादश) १.७८, १.१७३ | कंचण (कांचन) २.२०९. सुवर्ण "उत्तेओ (उत्तेजाः) १.११३, काव्य छंद का | (अनेकशः) ग्यारह कंठ १.९८, २.१२३, २.१२४, २.१२९, भेद एउ २.१० यह गला उदंड १.१२६ उदंडा (स्त्री०) २.३४ प्रबल | एऊणविंसा (एकोनविंशत्) २.१८६ उन्नीस | कंत (कांत:) १.६. हि० रा० गु० कंत, कंत "उद्दभो (उद्देभः) १.११४ काव्य छन्द का | एक्क (एक) १.२, १.८, एक्क (कलु) १.८५, (संदेश० ७६). कंता १.९८ पति भेद एक्कु १.९७, एक्कउ २.१३६, एक्के *कंति (कांति) १.६० गाथा का भेद उद्दाम २.४२ १.९१, एक्केण १.४२ (अनेकशः), कंद १.९८, २.१४७, मूल उद्दिद्र (उद्दिष्ट) १.३९, १.४१, १.४४, १.४७ एक कंदु (कंद छंद) २.१४५ उपमा २.१५३ एक २.१४७ Vकंप (/कम्प्) कंप २.१५९, २.२०३, उप्पर (उपरि) १.१०६ ऊपर एकवीसंती १.१८७ इक्कीस कंपइ १.१४७, कंपए २.५९, कंपा उप्परि १.४२ ऊपर एगारह १.२०८ १.४५, कंपंत २.१६५, कंपंता उप्पाअ (उपाय) २.१२० साधन ऐग्गाराहा (एकादश) १.९१ हि० ग्यारह, २.८९, कंपिओ १.१५५, कंपिआ उपेक्ख (उत् + प्र + Vईक्ष) उपेक्षा करना, रा० ग्यारा, गु० अग्यार २.१११, कंपले १.११९ उप्पेक्ख २.५७ एत्थ (अत्र) २.१६०, २.१९९ एत्थि २.१४४, | * कंपि (कंपिनी, कंपी) १.८९ रसिका छंद उमा २.८ पार्वती यहाँ का भेद उमत्त (उन्मत्त) २.६७ मस्त एम १.८५, १.१०५, इस, ऐसा कंस २.७१, २.१४७ (अनेकशः) राजा का उरअ २.१९० साँप, मुनि पिंगल की उपाधि | एरावइ (ऐरापतिः) १.२८ आदिलघु पंचकल नाम उक्लस् (उत्+Vलस्) प्रसन्न होना, उलसु (155) कआ (कायः) २.९४, २.१३४ शरीर (उल्लसित) २.२१३ | एरिस (एतादृश) १.१९६, एरिसि १.९४, | कइ (कवि:) १.२० कइ (-प्ररो) १.२०, *उल्लाल १.१०५, १.१३६ उल्लाला छन्द एरिसिअं२.१५४, एरिसही २.१७० (कविवर:) कइ (-दिट्ट) १.१२२, *उवजाइ २.११८, २.११९ उपजाति छंद कइवर २.१०२. कइअण २.१५३, उवरि (उपरि) १.८७ ऊपर | एवि १.१७५ इस तरह कईसा (कवीश) २.१४५ उवरल (उपरि ल, उढ+ल) १.३९ ऊपर | पर एसो (एपः) २.८४ एसा (स्त्री०) २.९६ यह (अनेकश:) के, उद्वृत्त | एह (एतत्) १.१९, १.७८ हि० यह, अप० कइत्त (कवित्त) १.१५२, १.१८४, २.३२, *उविंदवज्जा १.११६ उपेंद्रवज्रा छंद एहु तु० एह (संदेश० ९१), एहु कविता, पद्य (संदेश० २०४) उर्विदा २.११८ उपेंद्रवज्रा छंद कई (कति) १.४९ कितना कितनी एहत्तरि (एकसप्तति), १.११७, १.१२०, उव्वरिअ (उद्वृत्त) उव्वरिआ १.१४ कए (कृते) परसर्ग १.६७ लिये १.१२३, इकहत्तर (रा० इगत्तर) उ+व्वास (उद्+Vवस्+णिजंत) उव्वासइ *कच्छ (कच्छपः) १.८० दोहा छंद का भेद | एहि १.१२४ इससे १.१४४ देश निकाला देना, उद्वासित कज्ज (कार्य) १.३६, १.३७, हि. रा० काज | एहु १.३०, १.४१, १.२०७ (अनेकशः) यह करना कज्जबंध (कार्य-बंध) १.३७ Vउल्हस (उत् + Vलस्) उल्हसंत (वर्त० (ओ) कट दिंग दुकट १.२०१ ध्वन्यनुकरण कर्तृ० कृदंत) १.७ हि० हुलसना, | ओ (एतत्) १.७९ यह Vकट्ट (Vकत्) काटना, कट्टिअ १.१३४ रा० हुलसवो-बो ओग्गर २.९३ एक प्रकार का चावल Vकट्ठ (/कर्ष) काढना, निकालना, कट्ठिएउ ओट्ट (ओष्ठ) २.१६९ ओठ २.७१ कट्ठि १.२०५ आत्था आत्थी १.१४५ उठ उठकर | कट्ठ (कष्ट) १.९२, १.१४५ कष्ट, दु:ख ए २.११, २.६५, २.८८ यह आड्डु १.१२६, ओड्डा १.१९८, ओड्डिआ कठिण (कठिन) १.७९ कठोर एअं २.६६ यह २.१२८, ओड्र देश का राजा कडक्ख (कटाक्ष) १.४, २.१२६ कटाक्ष एअदह (एकादश) १.८६ ग्यारह आल्ला १.१४७ मुसलमान मुल्ला, मौलवी, | कणअ (कनक) १.१०, १.७२, १.१६६, या मुसलमान एलची २.१५३ हि० कनक, सोना ऐसा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001440
Book TitlePrakritpaingalam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBholashankar Vyas, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages690
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size18 MB
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