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________________ अभिधान (शब्दकोष) ३३७ बाद नाम अस्मत् मैं, हम | आ+Vणी (आ + Vनी) लाना, आणेइ | (ई) मइ १.१०६ हउ २.१२९ अम्मह १.७४, आणहु १.४८, १.३९, | ईसा (ईर्ष्या) २.२०१ २.१३६, हम २.१९३, मे २.४६. आणिज्जसु १.४७, आणआ मम २.७, हमारी २.१२० हम्मारो (उ) २.१६०, आणु, १.१४७, आणीदा २.४२ अम्हाणं २.१२ २.१८९ *उंदुर (उंदुर) १.८० दोहा छंद का भेद अह (अथ) १.२२, १.५७ (अनेकशः) इसके | *आभरण १.२१, प्रथम द्विकल गण (5) उअआर २.१४९ उपकार का नाम उअ (उत् + गम्) उगना, उअइ २.३७ अहण्णिसं (अहनिशं) २.१२० रात दिन |आमूल २.२०१ उआसीण (उदासीन) १.३५ *अहि (अहि) १.१५, षट्कल गण का नाम | आलाव (आलाप) २.१६५ शब्द उआसे (उदास) १.३७ *अहिगण १.१६, पंचकल गण के एक /आव आना *उक्कच्छ (उक्कच्छा, उत्कच्छा) १.८८, रसिका भेद का नाम (5) आव २.८७, आवेइ १.१६६, आवे छंद का दूसरा नाम अहिअ (अहित) १.२८ आदिलघु पंचकल २.३८, २.८१, आविह २.९१. उ+कट्ट (कट्ठ) (उत् +Vकृष्) निकालना, (155) आविअ २.१६३ डालना; उक्किट्ठ २.१९, २.१३०, अहिवर-लुलिअं (अहिवरलुलित) १.६२ | आसा (आशा) सव्वासा (सर्वाशा) १.११९, २.१८८; उक्किट्ठा २.१५०; साँप की लीला या गति | २.२०५, दिशा, सब दिशायें उकिट्ठाआ १.१४४ *अहिवरु (अहिवरः) १.८० दोहा छंद का | आसावरि १.१२८ देश का नाम उक्कि (उक्ति) २.२११ वचन उक्खित्त (उत्क्षिप्त) १.१६८ फेंका हुआ, अही (अहिः) २.१०२ साँप, पिंगल की उपाधि डाला हुआ *अहीर (आभीर) १.१७७ आभीर, छंद का *इंद २.११८ इंद्रवज्रा नामक छंद Vउग (उत् + गम्) उगना, उग्गे २.२०५ *इंदवज्जा २.११४ इंद्रवज्रा छंद उगो २.५५ *अहो (अहः, अहन्) १.११४ काव्य छंद इंद १.७२ इन्द्र " उग्गाह (उद्गाथा) उग्गाहउ १.५७ उग्गाहो का भेद (उद्गाथा) १.६८, मात्रिकछन्द | "इंदासण (इंद्रासन), १.१६ पंचकल गण अहो २.१२६. आश्चर्यव्यंजक अव्यय उच्च उच्चा २.९७ उच्चउ १.१७४ ऊँचा, ___का नाम (155) बड़ा ( आ) * इंदु १.९३ रोला छंद का भेद उचिअ (उचित) २.१२९ योग्य Vआ आना | इंदु १.१२५, १.१५३ चन्द्रमा, षट्कल गण उच्छल (उत् + Vछल्) उच्छलइ १.१९३, आइ १.४१, आ २.८९, आव २.८७, का नाम उछलना आवे २.३८, २.८१, आउ २.१९८, |इ २.६१ यह उच्छव्व (उत्सव) १.११९ उत्सव २.२०३, आविअ २.९१, इअ (इदं) १.२०, १.६६, १.१४४ यह उज्जर १.१८५ उज्ज्वल २.१६३ इअरा (इतरा) १.८३ अन्य उज्जल १.१८५ उज्ज्वल आआ (आद्या) १.५८ प्रथम, आद्य (स्त्री०) | इआलिस १.१५९ इकतालीस उट्टवण १.११६ छंदों की उद्वर्त्तनी आअत्ति (आयति) १.३७ इकलि (एकला) २.१९३ अकेली | उट्ठ (उत् + Vस्था ) उठना, उट्ठए १.१६०, आइ (आदि) १.१७, १.८८ (आइहि १.४६, इग्गारह (एकादश) १.९३ उठ्तउ १.१५५, उठिअ २.२१३, १.१०७, १.१८७, २.३५). (आइग | Vइछ (Vइच्छु) चाहना इछइ २.१९३ उट्ठीआ २.१५७, उट्ठीअ २.१८८, १.१५२) आदि इट्ठदेवो (इष्टदेव:) १.३४ उट्ठि २.१६१ आ+Vवज्ज (आ +Vवृज्) इकट्ठा करना, इण्णि २.१६० यह | Vउड्ड उडना, उड्डउ (वर्त० उत्तम० ए०) आवज्जिअ १.१२८ इण्णे २.२८ ये १.१०६ उड्डाविअ (णिजंत रूप) आ+Vअछ (आ +Vऋच्छ) होना, आछे इत्थि (अत्र) १.९, १.१०५ यहाँ १.१९८ २.१४४ उण (पुनः) १.७ तु० पुण, पुणु, पुणि (प्रा० *आणंद (आनंदः) १.१९ अंतलघु त्रिकल इम २.७४ यह, ऐसा, ऐसे अप०) राज० गु०, म० पण का नाम (51) इह (एतत्) १.८६ यह उणो (पुनः) २.५५, १.१२७ (अनेकशः) आणंद (आनंद) २.१४७ इहदह (एकादश, <* इअदह) १.८६ ग्यारह फिर आणंदिअ (आनंदित) २.२१३ इहिकारा (इहिकाराः) १.५ | उत्त (उक्तः) (Vवच्-भूत० कर्म० कृदंत) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001440
Book TitlePrakritpaingalam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBholashankar Vyas, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages690
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size18 MB
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