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________________ अभिधान (शब्दकोष) (अ) अठतालिस (अष्टचत्वारिंशत्) १.११७ //अप्फाल (आ + Vस्फाल) हिला देना, अंक (अंका) १.३९, १.४५, १.४६, १.४९ अठतालीस (रा० अडतालीस) अप्फालउ (आस्फालयामि) वर्त० (अनेकशः) अंक | अट्ठ (अष्ट-अष्टौ) १.१३, १.३४, २.२१० उत्तम ए० १.१०६ अंग १.१२३ अंग, शरीर तथा अनेकशः; हि० रा० गु० आठ | अबुह (अबुध) १.११. मूर्ख अंगुली २.२१० अँगुली अट्ठारह (अष्टादश) १.५४, १.९४, २.८८ अभय १.१११ निर्भय अंत १.१७, १.८५, १.९९, अंतए १.१६४, अठारह अभिणउ २.४८ अभिनय अंतिणा २.७४, अंतहि २.१०० *अडिल्ला १.११७ अडिल्ला छंद । अभिमत २.१३८ ईप्सित (अनेकशः) आखीर या आखीर में | अणंग (अनंग) १.१०४, २.१९५, २.२१५, *अमरु १.१२३ छप्पय छंद का भेद अंतर १.९७, १.१९७ मध्य में कामदेव अमिअ १.९७, १.२०९, २.९८, २.१९१, अंध १.११५ अन्धा आणंद १.४९ आनंद अमृत अंधअ (अंधक) १.१०१ दैत्य का नाम अणल (अनल) १.९८, १.१९० अग्नि । अरविंद १.१३५ कमल अंधार (अंधकार) १.१४७ अँधेरा अणहा (अन्यथा) १.१०५ अंधकार २.१७३ अँधेरा अरि १.३५ शत्रु अणु+vणी (अनु + Vनी) कृपा करना, *अंधो (अन्धः) १.११४ वस्तु छंद का भेद अणुणिज्जइ (कर्म० वर्त० प्र० ए०) अरिट्ठि १.२०७ अरिष्ट नामक दैत्य अंबर १.१८८, २.१३६ आकाश १.५५ अरु (अपरं) १.१६, १.३७, १.७९, १.१४२, अंसू (अश्रु) १.६९ हि० राज० आँसू अणु- सर (अनु + Vसर) अनुसरण करना, हि० और, अरु (काव्यप्रयोग), रु, अ. (च.) १.२, १.३, १.७ (अनेकशः) और रा० अर. तु० अरु (संदेश० २५) पीछा करना, अणुसर १.१०५ अइचल (अतिचलानि) २.१०३ अत्यंत चंचल अणेअ (अनेक) १.३६, २.२०८ | अरेरे (संबोधने) १.९ अकंटअ (अकंटक) २.२११ निष्कंटक, | अण्ण (अन्यः) १.२, १.९१, २.२०८ तथा । अव+अर (अव + Vतृ (तर्-) उतरना. निर्विघ्न अनेकशः __ अवअरु (अवतीर्णः) १.१६३ अक्खर (अक्षर) ब्रज, अव०, रा० आखर| अण्णोण्ण १.५१, २.१३१ अन्योन्य अबछंद (अपच्छंद) १.१०. छन्द की गडबड़ी १.१२, १.४२, १.१७३, १.१८९ | अतुल १.१११ अनुपम अवतरिअ (अवतीर्णः) २.२१३) (अनेकशः) अत्थ (अर्थ) १.११६ अर्थ अवर (अपर) १.३३, १.४३. १.१३४ दूसरा अगम १.१८९ अगम्य अत्थीर (अस्थिर) २.१४२ चंचल अवराह (अपराध) १.५५ अगुरु २.१७७. सुगंधित द्रव्य *अद्दा २.१२१ आर्द्रा, उपजाति छंद का भेद | अवरु (अपर) १.४४ और अग्ग (अग्र) १.१३३, २.११३, २.१३२, अधंग (अधांग) १.९८, २.२१५, अर्धांग । अवलि १.९८ पंक्ति, समूह २.१९४ अगला अद्धंग १.८२ अर्धांग अवसउ २.१०३ अवश्य अग्गल (अग्रल) १.५१, १.११०, २.१३३ | अद्ध (अर्ध) अद्धअद्धेण (अर्धार्धन) १.१०, अवसिट्ठ (अव-Vशिष) बचा हुआ अवसिट्ठउ अगला, अधिक हि० आधा, आध, रा० आधो (उ० (अव-शिष्ट) १.३५, अवसिट्टे अग्गरा २.१६९ अगले आ'दो) अग्गी (अग्नि) १.५५,२.१९५, आग, आगि अद्धा (अद्ध) अव्यय १.११५ सत्य | असइ (असती) १.८३ कुलटा अग्ध (अर्घ्य) २.२०१ अप्प (आत्मन्) १.१४, १.५३, २.१९९ असरणा (अशरण) १.९६ अस्सी अचलु (अचल:) १.८७ पहाड़ी राजा (अनेक श:) अप्पणा २.९१, असि (अशीति) १.९७ अस्सी अच्छ २.१३४ स्वच्छ अप्पाअप्पी २.१५७, २.१९५, *अजअ (अजय) १.१२१ छप्पय का भेद असी (अशीति) २.१४५ अस्सी अपने आप Vअज्ज (Vअ) अर्जित करना अज्जिअ /अप्प (/अर्प) देना, अप्पहि (अर्पय) अस (अश्व) १.२५ घोड़ा २.१०१ (आज्ञा० म० ए०) १.७१ अप्पिआ | असुर १.१०१, २.७५, २.२१५ दैत्य अज्ज (अद्य) २.८७ अज्जु २.१३० आज २.१६१, अप्पिअ १.१२८ असुद्धउ (अशुद्धः) १.११६ अशुद्ध, दुष्ट अठ (अष्ट) (अठग्गल १.१७९ आठ अधिक) अपारु (अपार) १.१०२, अत्यधिक असेस (अशेष) १.५, १.३२, अशेष आठ असोअ (अशोक) २.१६३ वृक्षनाम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001440
Book TitlePrakritpaingalam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBholashankar Vyas, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages690
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size18 MB
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