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२.१५७]
वर्णवृत्तम् टिप्पणी-माणीआ-< मतः (="माणिअ' का छन्दोनिर्वाहार्थ दीर्घ रूप) । जाणीआ-< ज्ञातः (="जाणिअ' का छन्दोनिर्वाहार्थ दीर्घ रूप) ये दोनों कर्मवाच्य भूतकालिक कृदन्त के रूप हैं। जंपंता-< जल्पन् ( =जपंत का छन्दोनिर्वाहार्थ दीर्घ रूप) वर्तमानकालिक कृदंत रूप । किज्जे, लिज्जे-विधि प्रकार म० पु० ए० व० ।। सूणी-< सुणिअ < श्रुत्वा, पूर्वकालिक रूप, छन्दोनिर्वाहार्थ 'उ' का दीर्घ रूप) । कंपंता-< कम्पमानं (=कंपंत छन्दोनिर्वाहार्थ दीर्घ रूप) ।
जहा,
मत्ता जोहा वड्डे कोहा अप्पाअप्पी गव्वीआ रोसारत्ता सव्वा गत्ता सल्ला भल्ला उट्ठीआ । हत्थीजूहा सज्जा हुआ पाए भूमी कंपंता लेही देही छोडो ओड्डो सव्वा सूरा जंपंता ॥१५७॥
- [सारंगिका] १०७. उदाहरण:
क्रोध से बढ़े हुए (अत्यधिक क्रोधवाले) मस्त योद्धा अहमहमिका (एक दूसरे की होड) से गर्वित होकर रोष से जिनके सारे अंग लाल हो उठे हैं-शल्य तथा भालों को उठायें हैं। हाथियों के झुंड सज गये, उनके पैरों से पृथ्वी काँप रही है, और सभी शूर वीर चिल्ला रहे हैं:-"लो, दो, छोड़ दो, ठहरो ।"
टिप्पणी-गव्विआ-गव्विआ < गर्विताः कर्मवाच्य भूत० कृदन्त ब० व०, इ का दीर्धीकरण छन्दोनिर्वाहार्थ । उट्ठीआ- = उट्ठिआ कर्मवाच्य भूत कृदन्त ब० व०, 'इ' का दीर्धीकरण छन्दोनिर्वाहार्थ । लेही-(=लेहि), देही (=देहि), छन्दोनिर्वाहार्थ दीर्धीकरण । इन दोनों पद्यों में दीर्धीकरण के कई स्थल हैं । चामर छंदः
चामरस्स बीस मत्त तीणी मत्त अग्गला, अट्ट हार सत्त सार ठाइ ठाइ णिम्मला ।
आइ अंत हार सार कामिणी मुणिज्जए, अक्खरा दहाइ पंच पिंगले भणिज्जए ॥१५८॥ १५८. हे कामिनि, चामर छंद में प्रत्येक चरण में तीन अधिक बीस मात्रा (अर्थात् २३ मात्रा होती हैं;), तथा स्थान स्थान पर आठ हार (गुरु) तथा सात सार (लघु होते हैं);-इसमें दस और पाँच (पन्द्रह) अक्षर (होते हैं), ऐसा पिंगल ने कहा है।
टिप्पणी-ठाइ ठाइ-< स्थाने स्थाने । कामिणी कामिणि, संबोधन ए० व० छन्दोनिर्वाहार्थ दीर्धीकरण । मुणिज्जए-< मन्यते, भणिज्जए < भण्यते ।
(छन्दोनिर्वाहार्थ पादांत में गुरु के लिए आत्मनेपदी का प्रयोग । प्रा० पैं. की भाषा में मुणिज्जइ, भणिज्जइ रूप होने चाहिएं।)
(चामरः-SISISISISISISI5=१५ वर्ण, २३ मात्रा) जहा,
झत्ति जोह सज्ज होह गज्ज वज्ज तं खणा, रोस रत्त सव्व गत्त हक्क दिज्ज भीसणा । धाइ आइ खग्ग पाइ दाणवा चलंतआ, वीरपाअ णाअराअ कंप भूतलंतआ ॥१५९॥
[चामर] १५७. वडे-C. दिढे, K. बढे, N. वट्टे, 0. उठे । अप्पाअप्पी-C. अप्पा अप्पे । सल्ला-C. सेल्ला । उट्टीआ-C. उट्ठीआ, N. उव्वीआ, 0. उभ्भीआ । पाए-C. पाएँ । छोडो-C. छड्डो । १५८. बीस-C. वीह । तीणि-C. O. तीणि । अठ्ठ-C. अट्ठ। ठाइ ठाइ-C. ठाई ठाई। मुणिज्जए-C. सुणिज्जए। १५९. गज्ज-C. णज्ज । दिज्ज-0. दीस । हक्क दिज्ज भीसणा-C. दीह विज्जु भीसणा । चलतंआ-C. चलन्तओ, N. चलंतउ । भूतलंतआ-C. भूतलंतओ, N. भूतलंतउ, K. भूतलंतगा।
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