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________________ आचाराङ्ग [२] के. आर. चन्द्र 'औपपादिक' के लिए पांच पाठान्तर 'उववाइए, उववातिए, उववादिए, ओववातिए और ओववादिए' मिलते हैं। किसे मूल प्राचीन पाठ मानना और किसे परवर्ती काल का पाठ मानना ? 'यथा' के लिए 'जधा, अधा, अहा और जहा' ये चार पाठ मिलते हैं । 'अधा' पाठ प्राचीन एवं इसमें पूर्वी भारत की भाषिक विशेषता है तो फिर क्यों नहीं 'अधा' पाठ ही स्वीकृत किया जाय जो भ. महावीर के समय और स्थलके अनुरूप होगा। क्षेत्रज्ञ' शब्द के लिए आचारांग में 'खेयण्ण' जैसा पाठ मिलता है जबकि सूत्रकृतांग में 'खेतन्न' जैसा प्राचीन पाठ मिलता है। वैसे इस शब्द के लगभग 1011 प्राकृत रूपान्तर आचारांग और सूत्रकृतांग की हस्तप्रतों में मिलते हैं-खेयण्ण खेअण्ण, खेदण्ण, खित्तण्ण, खेतण्ण, खेत्तण्ण, खेदन्न, खेत्तन्न, खेतन्न, और खेयन्न, खेअन्न । ये सभी रूप क्या एक ही समय में किसी एक ही जगह पर प्रचलित होंगे, जरा विचार कीजिए ? सप्तमी एक वचन के तीन विभक्ति प्रत्यय मिलते हैं,-स्सि,-अंसि और . -म्मि । इन विभक्तियों वाले 'लोक' शब्द के सात रूप मिलते हैंलोगस्सि, लोकंसि, लोगंसि, लोयंसि, लोकम्मि, लोगंमि और लोयंमि । इनमें से प्रथम रूप विभक्ति प्रत्यय की दृष्टि से सबसे प्राचीन है तो क्या इसे स्वीकार किया जाय या नहीं ? दन्त्य नकार म.जै.वि. के जो आगम ग्रंथ मुनि श्री पुण्यविजयजी ने सम्पादित किये हैं उनमें (उतराध्ययन, दशवैकालिक, इसिभासियाई, आदि में) प्रारंभिक दन्त्य नकार बहुधा मिलता है जबकि मुनिश्री जम्बूविजयजी के आचारांग के संस्करण में दन्त्य नकार के स्थान पर बहुधा मूर्धन्य णकार मिलता है । यह हेमचन्द्राचार्य के प्राकृत व्याकरण के अनुरूप भी नहीं है । उसमें उदाहरण रूप दिये गये शब्दों में 9 में से 8 में प्रारंभिक नकार मिलता है । उन्होंने स्पष्ट कहा है कि मध्यवर्ती नकार भी आगम ग्रंथों में कहीं कहीं पर मिलता है, परंतु म.जै.वि. के आचारांग में इसकी 4. संबंधित प्रसंगों की चर्चा ऊपर बतलायी गयी तीनों पुस्तकों में की गयी है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001438
Book TitleAgam 01 Ang 01 Acharanga Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra, Dalsukh Malvania
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1997
Total Pages364
LanguagePrakrit, Gujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Research
File Size14 MB
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