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परम्परागत प्राकृत व्याकरण की समीक्षा और अर्धमागधी
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प्रतिशत और अधिक से अधिक ९१ से १०० प्रतिशत प का व मिलता है । तब फिर व्याकरणकारों ने मध्यवर्ती पकार के विषय में प्रायः लोप का नियम कैसे बनाया होगा ।
मध्यवर्ती वकार के प्रायः लोप का नियम तो बिलकुल उचित नहीं ठहरता है ।
कहना पडेगा कि पकार और वकार के विषय में प्राकृत व्याकरणकारों के नियम शिलालेखीय एवं साहित्यिक प्रमाणों के विपरीत जाते हैं । कम से कम प्राचीनतम साहित्य की प्राकृत भाषा पर यह नियम लागू नहीं होता है अतः अर्धमागधी . भाषा पर भी ये नियम लाग नहीं होते हैं ।
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