________________
के. आर. चन्द्र
पान, सजावट सब उच्च कोटि के रहते हैं । जबकि अन्य बहिनो'
को ये सुविधाएँ नहीं मिलती हैं । रानी को हम संस्कार वाली भाषा कह सकते हैं जबकि उसकी बहिनो को संस्कार वर्जित कह सकते हैं । यही संस्कृत और प्राकृत का सम्बन्ध है । अतः किसी भी बोल-चाल की (प्राकृतिक भाषा का जन्म किसी भी संस्कार दी गयी भाषा से हो ही नहीं सकता । यदि कहना हो तो ऐसा कहो कि प्राकृतिक से संस्कारयुक्त वस्तु या भाषा बनती है ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org