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के. आर. चन्द्र 106.19, निययाइँ 2.97, आसणाई 3.71, कमलाई 299, सहस्साइ 3 23, दुक्खाई 106 42, पंदान्त में ठाणाइ 2.97,
पल्लाई 3.36, वहन्ताई 71.23, दुट्ठवयणाइ 106.17 2. पु. नपु'. तृ. ए व. का प्रचलित विभक्ति प्रत्यय -एण है जो
97 वार मिला है । -एणं 55 बार मिला है जिसमें से पादान्त में 46 बार मिलता है । पादान्त में -एण भी चार बार प्रयुक्त हुआ है । उदाहरण –वीरेण 2.104, रामेण 3.10, तेण 3.106. 'कमेण 71.1 कणयरहेण 106.2, केण 106.18 और जिणवरधम्मेणं 2 106, तेणं 3 08, सिरिसेलेणं 71.44; पादान्त में भावेण 2.81, समणरूवेण 3.142; भावेण' 2.98; तेएणं 3.4, .
जेणं 3.54, नीलेणं 71.35, पयत्तणं 106.24 3. तृ. ब. व. का प्रचलित विभक्ति-प्रत्यय -हि है जो 34 बार
मिला है, -हिं 25 बार जिसमें से पादान्त में 15 बार मिला है । उदाहरण
____ दुक्खेहि 2.75, एएहि 3.38, सरेहि 71.68, अम्हेहि 106.11, तिहिं 106.14
___पादान्त में गुणेहिं 2.117, हत्थेहिं 3.96, मेहेहिं 71.33 4. ष. ब. व. का प्रचलित प्रत्यय -णं है जो 59 बार मिला है
जबकि -ण 42 बार मिला है । पादान्त में –णं 30 बार मिला है। उदाहरण, गन्धवाणं 3.31, ताणं 106.7; ताण 2 63, रक्खसाण 3.31, आउहाण 71.2, अकुसाण 106.13, पादान्त में सुरवरार्ण 2.57, पणवाणं 3.87, वहन्ताणं 71.71. पत्ताणं 106.28
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