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प्राचीन अर्धमागधी का खोज में/के. आर. चन्द्र
(4) प्राचीन शब्द-रूप पाठान्तरों में
(अ) आचारांग
शुलिंग संस्करण
(स्वीकृत पाठ)
(16 बार)
- खेयन्न
खेदन्न (पृ. 17.21) अनिच्चयं (पृ. 4.30) चुओ (पृ. 1.7). जीवा अणेगा (पृ. 3.18) आरंभमाणा (प. 6.1) अणाइयमाणे (पृ. 12.25) अन्नयरम्मि (पृ. 11.29)
__(पाठांतर) खेत्तन्न (चर्णी में 3 बार और
जी प्रत में 5 बार) खेत्तन्न (चूर्णी एवं जी प्रत) अनितियं (चूर्णी) चुए (चूर्णी) जीवा अणेगे (ए प्रत) आरंभमीणा (चूर्णी, अणाइयमीणे (ए प्रत) अन्नयरंसि (ए, डी, जी,
प्रतें और चूर्णी)
जै. वि. भा. संस्करण
पडिसंवेदेइ 1.1.1.8 । पडिसंवेदयइ चुओ 1.1.1.2 चुते
(घ प्रत) (घ प्रत)
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