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________________ ( 304) 267 273 273 274 269 P. L. 266 10 से इत्यादि । तस्य 267 9 से इत्यादि । स भिक्षुर 14 से एमित्यादि । एतया 267 16 से रणमित्यादि । स नेता 267 18 से इत्यादि । तेन दात्रा 267 39 से इत्यादि । स भिक्षु267 39 से इत्यादि । स भिक्षु268 3 से इत्यादि । स भिक्षुरु268 4 से इत्यादि । स भिक्षुः 268 12 दव्वे० गाहा । द्रव्याव268 18 दव्वोग्गह इत्यादि । द्रव्यावग्र268 21 मइ० गाहा । भावाव268 25 गहण० गाहा । अपरिग्रहस्य 269 1 समणे इत्यादि । श्राम्यतीति 269 17 से इत्यादि । स भिक्षु269 22 से इत्यादि । तदेव 35 से इत्यादि । पूर्वसूत्र269 36 से इत्यादि । तस्मि270 4 से इत्यादि । यत्पुनः 270 4 से इत्यादि । अन्तरि270 13 से इत्यादि । स भिक्षु270 30 से इत्यादि । स भिक्षुः 270 31 से इत्यादि । स भिक्षुर्य270 से इत्यादि । स भिक्षुर271 8 से इत्यादि । स भिक्षुरा271 24 सुयमित्यादि । श्रुतं मया271 सत्ते० गाहा । सप्त 9 से इत्यादि । स पूर्वोक्तो 272 12 इच्चेयाइमित्यादि । इत्येतानि 272 36 से इत्यादि । स भाव272 37 से इत्यादि । स भिक्षु 40 जे इत्यादि । ये तत्र 2736 उच्चवइ० गाहा । शरीरा ___ 9 मुणिणो० गाहा । साधुना 26 से इत्यादि । स भिक्षुः 273 28 से इत्यादि । स भिक्षुरु P. L. 273 29 से इत्यादि । अल्पाण्डा273 29 से इत्यादि । स भिक्षुर्य273 32 से इत्यादि । स भिक्षुर्या 33 से इत्यादि । स भिक्षुः 273 34 से इत्यादि । स भिक्षु 35 से इत्यादि । स भिक्षुः 36 से इत्यादि । स भिक्षु274 ___ 14 से इत्यादि । स भिक्षु274 15 से इत्यादि । यत्र 274 16 से इत्यादि स भिक्षु274 19 से इत्यादि । भिक्षुर्य 21 से इत्यादि । स भिक्षुः 24 से इत्यादि । आराम25 से इत्यादि । प्राकार 25 से इत्यादि । त्रिक274 25 से इत्यादि । स भिक्षुर274 से इत्यादि । नद्याय 27 से इत्यादि । स भिक्षु274 __ से इत्यादि । जगति 274 36 से इत्यादि । स भिक्षुः 275 4 दवमित्यादि । द्रव्यं 275 14 से इत्यादि । स पूर्वा 275 29 से इत्यादि । स भिक्षुर275 31 से इत्यादीनि । यावत् 31 से इत्यादि । स भिक्षु276 4 से इत्यादि । स भिक्षुः 276 7 से इत्यादि । कलहादि2767 से इत्यादि । स भिक्षुः 2769 से इत्यादि । स भिक्षु276 11 से इत्यादि । स भिक्षु276 13 से इत्यादि । स भिक्षुः 276 23 दव० गाहा । तत्र 276 32 से इत्यादि । स भाव277 4 छक्कं० गाहा । षट्क 278 3 परकिरियमित्यादि । पर प्रात्मनो 278 12 एवमित्यादि । एवम् 275 272 273 273 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001423
Book TitleAcharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1978
Total Pages764
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, agam_acharang, & agam_sutrakritang
File Size26 MB
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