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________________ ( 303 ) 261 261 254 261 261 261 262 256 257 P. L. 254 6 से इत्यादि । स्पष्ट, 254 9 से इत्यादि । कण्ठय 254 17 से इत्यादि । तस्य 254 19 से इत्यादि कण्ठय। स भिक्षुर्य 34 से इत्यादि । भिक्षुरु254 __ से इत्यादि । स भिक्षुर्गा254 38 से इत्यादि । स भिक्षुर्यदि 255 1 से इत्यादि । से तस्य 255 17 से इत्यादि । स भिक्षुर्गा255 22 से इत्यादि । स भिक्षु255, 38 से इत्यादि । स भिक्षुरा256 13 से इत्यादि । से तस्य 256 15 से इत्यादि । स भिक्षुर्गा 24 से इत्यादि । स भिक्षुर्गा256 27 से इत्यादि । से तस्य 256 36 से इत्यादि । स भिक्षुर्गा 5 जह० गाहा । यथा 20 सव्वे वि० गाहा। यद्यपि 257 37 से इत्यादि । स भावभिक्षुः 258 29 से बेमीति । सोऽहं 258 ___40 से इत्यादि । स भिक्षुरेवं259 2 से इत्यादि । स भिक्षुयाँ 259 7 से इत्यादि । स भिक्षुयाँ 259 21 से इत्यादि । स भिक्षुः 24 से इत्यादि । स भिक्षुः 259 32 से इत्यादि । स भिक्षुः 260 9 से इत्यादि । स भिक्षुर्य260 14 से इत्यादि। स भिक्षुर्य260 18 तथा से इत्यादि । सभिक्षु260 21 से इत्यादि । स भिक्षु261 4 से इत्यादि । स भिक्षुर्ग261 6 से इत्यादि । स भिक्षुर्ग261 6 से इत्यादि । स भिक्षुः 261 8.9 भाषां नो भाषेतेति ।। सति कारणे भाषाविधिमाह-से इत्यादि । स भिक्षुर्ना 257 P. L. 261 ll से इत्यादि । स भिक्षुरु261 12 से इत्यादि । स भिक्षुस्त261 13 से इत्यादि । स भिक्षुर्ब 14 से इत्यादि । स भिक्षुर्ब 22 से इत्यादि । स भिक्षुर्ब261 24 से इत्यादि । स भिक्षुर्ब 30 से इत्यादि । स भिक्षुर्य31 से इत्यादि । यथा 30 से इत्यादि । स भिक्षुः 262 7 पढमे० गाहा । प्रथमे 262 17 से इत्यादि स भिक्षुर 28. से इत्यादि । स भिक्षु262 31 से इत्यादि । सूत्रद्वय262 34 से इत्यादि । साधुप्रति263 3 से इत्यादि । स भिक्षुर्या263 8 से इत्यादि भिक्षुर्या263 ___41 इच्चे[इ-प्र०]याई इत्यादि । इत्येतानि 264 4 सिया एमित्यादि । स्यात् 264 ____ 12 सिया णमित्यादि । स्यात्पर 264 ll से णमित्यादि । स परो 264 12 अत्रापि सूत्रे पूर्ववन्निषेधादिकश्चर्च इति, किञ्च-सिया इत्यादि । स्यात्परो 264 21 से इत्यादि । स भिक्षुर्य264 30 से इत्यादि । स भिक्षुर्य 31 से इत्यादि । स भिक्षुः 264 32 से इत्यादि । स भिक्षुः 33 से इत्यादि । स भिक्षुर्य265 3 से इत्यादि । स भिक्षुर265 3 से इत्यादि । स भिक्षुर्य265 4 से इत्यादि । स भिक्षुभि265 6 से तमित्यादि । स भिक्षुस्त265 14 से इत्यादि । स भिक्षुः 265 29 से इत्यादि । स कश्चि265 36 से इत्यादि । स भिक्षुः 2668 से इत्यादि । स भिक्षुर्व2669 से इत्यादि कण्ठय । नवरं विहं ति 259 264 264 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001423
Book TitleAcharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1978
Total Pages764
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, agam_acharang, & agam_sutrakritang
File Size26 MB
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