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________________ ( 302 ) 239 239 248 240 249 241 249 241 241 P. L. 7 इच्चेयासिमित्यादि । इत्येतासां 26 दम्वेत्यादि । द्रव्यशय्या 239 29 तिविहेत्यादि । त्रिविधा 240 5 उक्कल इत्यादि । अस्या 240 14 दुविहेत्यादि । द्वे विघे 240 20 सव्वेत्यादि । सर्वेऽपि 23 उग्गम इत्यादि । तत्र 240 26 तईए [इत्यादि । तृतीयो240 41 से भिक्खू इत्यादि । स भिक्षुः 240 42 से जं पुणेत्यादि । सुगमं 2 से भिक्खू वेत्यादि । एतद्विप 241 9 से भिक्खू वेत्यादि । सूत्रद्वयं 241 10 से इत्यादि । स भिक्षु- . 241 22 से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुर्य 241 26 से इत्यादि । स भिक्षुर्य 38 से इत्यादि । स भिक्षुर्य 10 से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुर्य 242 25 आयाणमित्यादि । कर्मोपादा242 31 आयाणमित्यादि । एतदपि 37 आयाणमित्यादि । गृहस्थः 243 6 प्रायाणमित्यादि । पूर्वोक्ते 243 17 गाहावइ इत्यादि । एके 24331 आयाणमित्यादि । कर्मोपादा243 39 से इत्यादि । स भिक्षु244 6 से से इत्यादि । सुगमं 244 9 से इत्यादि । यत्र 244 14 से इत्यादि । तेष्वा244 19 से इत्यादि । ये भगवन्तः 244 28 इह खलु इत्यादि । इह 245 2 इहेत्यादि । सुगम 8 इहेत्यादि । इह खल्वि245 38 इहेत्यादि । सुगमं 246 10 से इत्यादि । अत्र च 2476 से भिक्खू इत्यादि। स भिक्षुर्य 247 15 से इत्यादि । स भिक्षु247 . 27 से भिक्खू इत्यादि । सुगमं 247 31 से इत्यादि । स भिक्षुर्य P. L. 247 35 से इत्यादि । यस्थो248 1 से इत्यादि । सुगम 248 5 इहेत्यादि । यत्र 2489 से इत्यादि । कण्ठ्य 248 16 से इत्यादि । स भिक्षुर्य 25 इच्चेइयाइं इत्यादि । इत्येतानि 248 40 प्रहावरेत्यादि । अत्रापि 249 5 अहावरेत्यादि । एतदपि 8 इच्चे इयाणमित्यादि । पासां 249 12 से इत्यादि । स भिक्षुः 249 16 से इत्यादि । सुगमम् 21 से इत्यादि । सुगम 249 26 से इत्यादि । स भिक्षु249 35 से इत्यादि । निगदसिद्धम् 250 1 से इत्यादि । सुखोन्नेयं 250 9 णाम इत्यादि । कण्ठय 250 11 दवे इत्यादि । तत्र 250 15 भावे इत्यादि । भाव250 20 प्रालंबणे इत्यादि । पालम्बन 24 चउकारणेत्यादि । चतुभिः 28 सव्वे इत्यादि । सर्वे250 31 पढमे० गाहा । प्रथमो. 250 35 तइयम्मि० गाहा । तृतीयो० 250 41 अब्भुवगए इत्यादि । आभिमुख्ये 12 से भिक्खू इत्यादि । स भिक्षुर्य251 24 अहेत्यादि । अथैवं 251 33 से इत्यादि । स भिक्षुर्या 3 से इत्यादि । भिक्षुर्गा252 17 से इत्यादि । कण्ठच 252 22 से सुत्तं । स भिक्षु 252 32 से इत्यादि । स भिक्षु2538 से इत्यादि । स्पष्टं 253 . 17 से रणमित्यादि । सः परः 27 से णमित्यादि । स परः 254 1 से इत्यादि । स भिक्षु254 2 तथा से इत्यादि । स भिक्षुरु. 2543 तथा से इत्यादि । स भिक्षुरु 242 250 260 231 252 245 253 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibraryborg
SR No.001423
Book TitleAcharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1978
Total Pages764
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, agam_acharang, & agam_sutrakritang
File Size26 MB
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