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१३८ : महावीर : सिद्धान्त और उपदेश
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नत्थि एरिसो पासो,
जै ममाइयमई, से हु दिट्ठपहे
पडबंध अस्थि सव्व - जीवाणं ।
अपरिग्रह
प्रश्नव्याकरण
: २ :
जहाइ, से जहाई ममाइयं । मुणी जस्स नत्थि ममाइयं ॥
- आचारांग
३ :
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पुढवी साली जवा चैव हिरण्णं पसुभिस्सह । परिपुण्णं णालमेमस्स इइ विज्जा तवं चरे ॥
: ५ :
मुच्छा परिग्गहो वृत्तो ।
उत्तराध्ययन
जया निव्विदए भोए, जे दिव्वे जे य माणुसे । तया चयइ संजोगं सब्भिंतर - बाहिरं ॥
दशकालिक
-दशवैकालिक
: ६ ः जं पिवत्थं व पायं वा, कंबलं पायपुंछणं । तंपि संजम - लजट्ठा, धारंति परिहरति य ।।
दशवैकालिक
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