________________ 136 : महावीर : सिद्धान्त और उपदेश जे य कते पिए भोए, लद्ध विपिट्ठीकुव्वई / साहीणे चयइ भोए, से हु चाइ त्ति वुच्चइ // .- दशवकालिक देव-दाणव-गंधव्वा, जक्ख-रक्खस्स-किन्नरा। बंभयारि नमसंति, दुक्करं जे करंति ते / / - उत्तराध्ययन : 10 : कामा दुरतिक्कमा / - आचारांग सल्लं कामा विसं कामा, कामा आसीविसोपमा। कामे पत्थेमाणा, अकामा जंति दुग्गई। ~~ उत्तराध्ययन मूलमेयमहमस्स महादोससमुस्सयं / तम्हा मेहुणसंसग्गं निग्गंथा वज्जयंति णं // ---- दशवकालिक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org