________________ 132 : महावीर : सिद्धान्त और उपदेश अस्तेय : अणणन्नविय पाणभोयणभोई से निग्गंथे अदिन्नं भुजिज्जा। - आचारांग अदत्तादाणं .... अकित्तिकरणं, अणज्ज सया साहुगरहणिज्जं / असंबिभागी, : असंगहरूइ .... .... अप्पमाणभोई, से तारिसाए नाराहए वयमिणं / संविभागसीले संगहोवग्गहकुसले, से तारिसए आराहए वयमिणं / -~-प्रश्नव्याकरण असंविभागी न हु तस्स मोक्खो। -- दशवकालिक अणुन्नविय गेण्यिव्वं / -प्रश्नध्याकरण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrari.org