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महावीर के उपदेश : १२३
: १२ :
जैसा किया हुआ कर्म, वैसा ही उसका फल - भोष ।
: १३ :
अच्छे कर्म का अच्छा फल होता है, बुरे कर्म का फल भी बुरा होता है ।
: १४ :
कारणों से ही आत्मा के कर्म - बन्धन हैं, और कर्मबन्धन ही संसार का कारण कहलाता है ।
: १५ :
कर्म सदा उसके कतर्र के ही पीछे-पीछे चलते हैं ।
: १६
ज्ञानी नये कम का बन्ध नहीं करता ।
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