________________
१२२ : महावीर : सिद्धान्त और उपदेश
: १२ :
जहा कडं कम्म, तहासि भारे
. --- सूत्रकृतांग
सुचिण्ण कम्मा सुचिण्णफला भवंति, दुचिण्णा कम्मा दुचिण्णफला भवति ।
--- औपपातिकसूत्र
: १४ : अज्झत्थहेउनिययस्स बंधो, संसारहेउ च वयंति बंध:
--. उत्तराध्ययन
कत्तारमेव अणुजाइ कम्म
- उत्तराध्ययन
नाणी नवं न बंधइ
- दशवकालिक नियुक्ति
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org