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अयधवलासहिदे कसायपाहुडे [पदेसविहत्ती ५ 8 तेण परमुकड्डणादो अझीणहिदियं ।
१४६८. आवलियमेत्तमइच्छावि एक्किस्से अणंतरोवरिमहिदीए णिक्खेवुवलंभादो उवरि णिक्खेवस्स समयुत्तरकमेण वड्डिदंसणादो च ।
* दुसमयूणाए श्रावलियाए ऊणिया आबाहा एवडिमाए हिदीए वियप्पा समत्ता।
एत्तो समयुत्तराए हिदीए वियप्पे भणिस्सामो ।
४६६. एतो समणंतरविदिक्कंतणिरुद्धहिदीदो जा समयुत्तरा हिदी तिस्से वियप्पे अवत्थु झीणाझीणहिदियभेदभिण्णे भणिस्सामो त्ति पइज्जासुत्त मेदं ।
* एत्तो पुण हिदीदो समयुत्तरा हिदी कदमा | ४७०. सुगम ।
* जहणिया आबाहा तिसमयूणए आवलियाए अणिया एवडिमा हिदी। स्थितिप्रमाण या उससे एक समय से लेकर एक आवलि तक अधिक है उनका उत्कर्षण नहीं हो सकता, क्योंकि यहाँ अन्तिम विकल्पमें यद्यपि अतिस्थापना पूरी हो गई है तो भी निक्षेपका सर्वत्र अभाव है।
* उससे आगे उत्कर्षणसे अझीन स्थितिवाले कर्मपरमाणु हैं ।
$ ४६८. क्योंकि यहाँ एक आवलिप्रमाण स्थितियोंको प्रतिस्थापनारूपसे स्थापित करके अनन्तरवर्ती आगेकी एक स्थितिमें निक्षेप देखा जाता है और आगे भी एक एक समय अधिकके क्रमसे निक्षेपकी वृद्धि देखी जाती है।
विशेषार्थ-दो समय कम श्रावलिसे न्यून आबाधाप्रमाण स्थितिमें जिन कर्मपरमाणुओंकी स्थिति तीन समय अधिक आबाधा प्रमाण या इससे भी अधिक है उन कर्मपरमाणोंका उत्कर्षण हो सकता है, क्योंकि यहाँ अतिस्थापना और निक्षेप दोनों पाये जाते हैं यह इस सूत्रका आशय है।
* दो समय कम आवलिसे न्यून आबाधाप्रमाण स्थितिके विकल्प समाप्त हुए। * अब इस पूर्वोक्त स्थितिसे एक समय अधिक स्थितिके विकल्प कहेंगे ।
६४६६. अब इस समनन्तर व्यतीत हुई विवक्षित स्थितिसे जो एक समय अधिक स्थिति है उसके अवस्तु और झीनाझीन स्थितियोंकी अपेक्षा नाना प्रकारके विकल्पोंको कहेंगे इस प्रकार यह प्रतिज्ञा सूत्र है।
* किन्तु इस स्थितिसे एक समय अधिक स्थिति कौन सी है । ६४७०. यह सूत्र सुगम है ।।
* तीन समय कम आवलिसे न्यून जघन्य आबाधाका जितना प्रमाण है यह वह स्थिति है।
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