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जयधवलासहिदे कसायपाहुडे [पदेसविहत्ती ५ णत्थि । इत्थि-णस० असंखे०गुणहा० सव्वजी० केव० १ अणंतभागो। असंखे० भागवडि० संखे०भागो। असंखे०भागहाणि. संखेजा भागा। णवरि प्रस० असंखे०भागवडि-हाणीणं विवज्जासो काययो । पुरिस० असंखे०गुणहा०-संखे०गुणवडि-अवहि० अणंतभागो। असंखे०भागवडि० संखे०भागो। असंखे० भागहा. संखेज्जा भागा। हस्स-रइ-अरइ-सो. असंखे०भागवडि. संखे०भागो। असंखे०भागहा० संखेज्जा भागा। अरदि-सोग० असंखे०भागहाणि० संखे०भागो। असंखे०भागवडि० संखेज्जा भागा। भय-दुगुंश. अवहि. असंखे०भागो। असंखे०भागहा. संखे०भागो । असंखे०भागवडि. संखेजा भागा।
३८५. आदेसेण णेरइय० मिच्छ०-बारसक-पुरिस-भय-दुगुंछा० अवहि. सव्वजी. केव० १ असंखे०भागो। असंखे०भागहा० के० ? संखे०भागो। असंखे०भागवडि० संखेजा भागा। णवरि पुरिस० वडि-हाणीणं विवज्जासो कायव्यो । सम्मत्त-सम्मामि० असंखे०भागहा० सव्वजी० केव० १ असंखेजा भागा। सेसपदा असंखे भागो। अणताणु०४ अवाहि० संखे०भागवडि-संखे गुणवडि-असंखे० गुणवडिहाणि-अवत्त० सव्वजी० केव० ? असंखे०भागो। असंखे०भागहा० संखे०भागो। कि लोभसंज्वलनकी असंख्यातगुणहानि नहीं है । स्त्रीवेद और नपुंसकवेदकी असंख्यातगुणहानिवाले जीव सब जीवोंके कितने भागप्रमाण हैं ? अनन्तवें भागप्रमाण हैं । असंख्यातभागवृद्धिवाले जीव संख्यातवें भागप्रमाण हैं । असंख्यातभागहानिवाले जीव संख्यात बहुभागप्रमाण हैं। इतनी विशेषता है कि नपुंसकवेदकी असंख्यातभागवृद्धि और असंख्यातभागहानिका विपर्यास करना चाहिए। पुरुषवेदकी असंख्यातगुणहानि, संख्यातगुणवृद्धि और अवस्थितविभक्तिवाले जीव अनन्तवें भागप्रमाण हैं। असंख्यातभागवृद्धिवाले जीव संख्यातवें भागप्रमाण हैं। असंख्यातभागहानिवाले जीव संख्यात बहुभागप्रमाण हैं। हास्य, रति, अरति और शोककी असंख्यातभागवृद्धिवाले जीव संख्यातवें भागप्रमाण हैं । असंख्यातभागहानिवाले जीव संख्यात बहुभागप्रमाण हैं। अरति और शोककी असंख्यातभागहानिवाले जीव संख्यातवें भागप्रमाण हैं। असंख्यातभागवृद्धिवाले जीव संख्यात बहुभागप्रमाण है। भय और जुगुप्साकी अवस्थितविभक्तिवाले जीव असंख्यातवें भागप्रमाण हैं। असंख्यातभागहानिवाले जीव संख्यातवें भागप्रमाण हैं। असंख्यातभागवृद्धिवाले जीव संख्यात बहुभागप्रमाण हैं।
६३८५. आदेशसे नारकियोंमें मिथ्यात्व, बारह कषाय, पुरुषवेद, भय और जुगुप्साकी अवस्थितविभक्तिवाले जीव सब जीवोंके कितने भागप्रमाण हैं ? असंख्यातवें भागप्रमाण हैं। असंख्यातभागहानिवाले जीव सब जीवोंके कितने भागप्रमाण हैं ? संख्यातवें भागप्राण हैं ? असंख्यातभागवृद्धिवाले जीव संख्यात बहुभागप्रमाण हैं। इतनी विशेषता है कि पुरुषवेदकी वृद्धि और हानिका विपर्यास करना चाहिए। सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्वकी असंख्यातभागहानिवाले जीव सब जीवोंके कितने भागप्रमाण हैं ?. असंख्यात बहुभागप्रमाण हैं । शेष पदवाले जीव असंख्यातवें भागप्रमाण हैं। अनन्तानुबन्धीचतुष्ककी अवस्थितविभक्ति, संख्यातभागवृद्धि, संख्यातगुणवृद्धि, असंख्यातगुणवृद्धि, असंख्यातगुणहानि और अवक्तव्यविभक्तिवाले जीव सब जीवोंके कितने भागप्रमाण हैं ? असंख्यातवें भागप्रमाण हैं। असंख्यातभागहानिवाले
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