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जयधवलासहिदे कसायपाहुडे [पदेसविहत्ती ५ एदे च असंखे० गुणहाणिविहत्तियो च । सिया एदे च असंखे० गुणहाणिवित्तिया च । सत्तणोक० असंखे०भागवडि-हाणि. णियमा अस्थि ।
३८२. मणुसगदी० मणुसा० मिच्छ०--सोलसक०--पुरिस०--भय-दुगुंछ० असंखे०भागवडि-हाणि णियमा अत्थि । सेसपदा भयणिज्जा । सम्मत्त०-सम्मामि० असंखे०भागहा० णियमा अस्थि । सेसपदा भयणिज्जा। इस्थि०--णस० अस्थि असंखे०भागवडि-हाणिविहत्तिया । सिया एदे च असंखे० गुणहाणिविहत्तिओ च । सिया एदे च असंखे गुणहाणिविहत्तिया च । हस्स-रइ--अरइ-सोगाणं असंखे०भागवडिहाणि णियमा अस्थि । मणुसपज्ज० एवं चेव । णवरि इत्थिवेद० असंखे०गुणहाणि. पत्थि। एवं चेव मणुसिणीसु । णवरि पुरिस०-णवूस० असंखे०गुणहाणि. गत्थि । मणुसअपज्ज. अहावीसं पयडीणं सव्वपदा भयणिज्जा।
३८३. अणुदिसादि जाव सबहा त्ति बारसक०-पुरिस०-भय-दुगुंछा. असंखे०भागवडि-हाणि. णियमा अस्थि । सिया एदे च अवहिदविहत्तिओ च । सिया एदे च अवहिदविहत्तिया च । मिच्छत्त--सम्म०--सम्मामि०--इत्थि०--णस० असंखे० भागहा. णियमा अत्थि। अणंताणु०४ असंखे०भागहा० णियमा अस्थि । सिया एदे च असंखे०गुणहाणिविहत्तिओ च । सिया एदे च असंखे०गुणहाणिविहतिया जीव हैं और असंख्यातगुणहानिवाला एक जीव है, कदाचित् ये जीव हैं और असंख्यातगुणहानिवाले नाना जीव हैं। सात नोकषायोंकी असंख्यातभागवृद्धि और असंख्यातभागहा निवाले जीव नियमसे हैं।
३८२. मनुष्यगतिमें मनुष्योंमें मिथ्यात्व, सोलह कषाय, पुरुषवेद, भय और जुगुप्साकी असंख्यातभागवृद्धि और असंख्यातभागहानिवाले जीव नियमसे हैं। शेष पद भजनीय हैं। सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्वकी असंख्यातभागहानिवाले जीव नियमसे हैं। शेष पद भजनीय हैं। स्त्रीवेद और नपुंसकवेदकी असंख्यातभागवृद्धि और असंख्यातभागहानिवाले जीव नियमसे हैं। कदाचित् ये जीव हैं और असंख्यातगुणहानिविभक्तिवाला एक जीव है, कदाचित् ये जीव हैं और असंख्यातगुणहानिविभक्तिवाले नाना जीव हैं। हास्य, रति, अरति और शोककी असंख्यातभागवृद्धि और असंख्यातभागहानिवाले जीव नियमसे हैं। मनुष्यपर्याप्तकोंमें इसी प्रकार भङ्ग है। इतनी विशेषता है कि इनमें स्त्रीवेदकी असंख्यातगुणहानि नहीं है। इसीप्रकार मनुष्यिनियोंमें भङ्ग है। इतनी विशेषता है कि इनमें पुरुषवेद और नपुंसकवेदकी असंख्यातगुणहानि नहीं है। मनुष्य अपर्याप्तकोंमें अट्ठाईस प्रकृतियोंके सब पद भजनीय हैं।
३८३. अनुदिशसे लेकर सर्वार्थसिद्धि तकके देवोंमें बारह कषाय, पुरुषवेद, भय और जुगुप्साकी असंख्यातभागवृद्धि और असंख्यातभागहानिवाले जीव नियमसे हैं। कदाचित् ये जीव हैं और अवस्थितविभक्तिवाला एक जीव है, कदाचित् ये जीव हैं और अवस्थितविभक्तिवाले नाना जीव हैं। मिथ्यात्व, सम्यक्त्व, सम्यग्मिथ्यात्व, स्त्रीवेद और नपुंसकवेदकी असंख्यातभागहानिवाले जीव नियमसे हैं। अनन्तानुबन्धीचतुष्ककी असंख्यातभागहानिवाले जीव नियमसे हैं। कदाचित् ये जीव हैं और असंख्यातगुणहानिविभक्तिवाला एक जीव है, कदाचित् ये जीव हैं और असंख्यातगुणहानिविभक्तिवाले नाना जीव हैं । हास्य, रति, अरति और शोककी असंख्यात
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