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+०२२] डिदिविहत्तीए उत्तरपयडिधिदिविहत्तिनंतर
8 उकस्सेण छम्मासा । ६८२. कुदो ? खवगाणं छम्मासं मोत्तूण उवरि उकस्संतराणुवलंभादो। ..
® सम्मामिच्छत्त-अयंताणुबंधीएं जहण्यतिदिविहत्तिअंतरं जहरणेण एगसममो ।
६६८३. सुगममेदं ।
8 उक्कस्सेण चउवीसमहोरो सादिरेगे।
६६८४. कुदो ? कारणाणुरूवकज्जुवलंभादो । तं जहा-सम्म पडिवज्जंताणमुकस्संतरं सादिरेगचउवीसमहोरत्ताणि जहा जादाणि तहा एदेसि मिच्छत् गच्छमाणाणं पि उक्कस्संतरं सादिरेगचवीसअहोरत्तमेत्त । मिच्छत्त' गंतूण सम्मत्त-सम्मामिच्छचाणि उव्वेल्लणंताणं पि एवं चेव उक्कस्संतरं; अण्णहाभावस्स कारणाभावादो । एवमणंताणुबंधिचउक्कं विसंजोएंताणं संजुज्जमाणाणं च सादिरेयचउवीसअहोरत्तंतरस्स उक्कस्सस्स कारणं वत्तव्वं । सम्म पडिवज्जंताणं चउबीसअहोरत्तमेत्तु कस्संतरणियमो कुदो १ साभावियादो।
* तथा उत्कृष्ट अन्तरकाल छह महीना है। ६६८२.शंका-उत्कृष्ट अन्तरकाल छह महीना क्यों है ?
समाधान-क्योंकि क्षपकोंके छह महीना अन्तर कालको छोड़कर आगे उत्कृष्ट अन्तरकाल नहीं पाया जाता है।
* सम्यग्मिथ्यात्व और अनन्तानुबन्धीचतुष्ककी जघन्य स्थितिविभक्तिवालोंका जघन्य अन्तरकाल एक समय है।
६६८३. यह सूत्र सुगम है। * तथा उत्कृष्ट अन्तरकाल साधिक चौबीस दिन रात है। ६६८४. शंका-उत्कृष्ट अन्तरकाल साधिक चौबीस दिन रात क्यों है ?
समाधान-क्योंकि कारणके अनुरूप कार्य होता है । इसका खुलासा इस प्रकार है-जिस प्रकार सम्यक्त्वको प्राप्त होनेवाले जीवोंका उत्कृष्ट अन्तरकाल साधिक चौबीस दिनरात है उसी प्रकार मिथ्यात्वको प्राप्त होनेवाले जीवोंका भी उत्कृष्ट अन्तरकाल साधिक चौबीस दिनरात है। मिथ्यात्वको प्राप्त होकर सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्वकी उद्वेलना करनेवाले जीवोंका भी इसी प्रकार . उत्कृष्ट अन्तरकाल होता है, क्योंकि इससे अन्य प्रकार होनेका और कोई कारण नहीं पाया
जाता । इसी प्रकार अनन्तानुबन्धी चतुष्ककी विसंयोजना करनेवाले और अनन्तानुबन्धीचतुष्कसे • संयुक्त होने वाले जीवोंके साधिक चौबीस दिनरात प्रमाण उत्कृष्ट अन्तरकाल के कारणका कथन करना चाहिये।
शंका-सम्यक्त्वको प्राप्त होनेवाले जीवोंका उत्कृष्ट अन्तरकाल चौबीस दिन-रात प्रमाण • होता है यह नियम किस कारणसे है ?
समाधान-स्वभावसे ही ऐसा नियम है।
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