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जयधवलासहिदे कसायपाहुडे . [हिदिबिहत्ती ३ उक्क० कस्स० ? अण्णदास्स जो वेदयसम्माइट्टी तप्पाओग्गुकस्सहिदिसंतकम्मिओ पढमसमए उववण्णो तस्स ।
२६. एइंदिय-बादरेइंदियपज्ज. मोह० उक्क. कस्स ? अण्णदरस्स जो देवो उक्कस्सहिदि बंधमाणो मदो पढम् समए जादो तस्स उकस्सहिदी। एवं पुढवि०--आउ०-वणप्फदि०-बादरपुढवि.--बादरपुढविपज्ज --बादरआउ० बादरआउपज्ज०-बादरवणप्फदि.-बादरवणप्फदिपज्जते त्ति वत्तव्यं ।।
$ २७. ओरालियमिस्स० मोह० उक्क० कस्स ? अण्णद. देवो णेरइओ वा उक्कस्सहिदिबंधमाणो मदो तिरिक्खेसु उववष्णो पढमसमयओरालियपिस्सो जादो तस्स उक्कस्सिया हिदी। वेउव्वियमिस्स० मोह० उक्क० कस्स ? अण्णद० तिरिक्खो मणुस्सो वा उक्कस्सहिदि बंधमाणो मदो रइएसु उववण्णो पढमसमए वेउव्वियमिस्सो जादो तस्स उक्कस्सिया हिदी । आहार० मोह० उक्क० कस्स ? अण्णद० वेदयसम्मादिट्टी तप्पाओग्गुकस्सहिदिसंतकम्मिओ पढमसमए आहारो जादो तस्स उक्कस्सियो हिदी । आहारमिस्स० मोह० उक्क० कस्स ? वेदग. उक्क० पढमसमयजादस्स । कम्मइय० उक्क० कस्स ? अण्णद० चउगइओ उक्कस्सहिदि बंधिदूण मदो तिरिक्वेसु लेकर सर्वार्थसिद्धि तकके देवोंमें मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थिति किसके होती है ? मोहनीयकी तत्प्रायोग्य उत्कृष्ट स्थितिकी सत्तावाला जो वेदकसम्यग्दृष्टि जीव अनुदिश आदिमें उत्पन्न हुआ उसके उत्पन्न होनेके पहले समयमें मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थिति होती है ।
२६. एकेन्द्रिय और बादर एकेन्द्रिय पर्याप्त जीवोंमें मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थिति किसके होती है ? जो देव मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थितिको बांधकर मरा और उक्त जीवोंमें उत्पन्न हुआ उसके एकेन्द्रिय और बादर एकेन्द्रियमें उत्पन्न होनेके पहले समयमे मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थिति होती है । इसी प्रकार पृथिवीकायिक, जल कायिक, वनस्पतिकायिक, बादर पृथिवीकायिक, बादर पृथिवीकायिक पर्याप्त, बादर जलकायिक, बादर जलकायिक पर्याप्त, बादर वनस्पतिकायिक और बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्त जीवोंके जानना चाहिये ।
२७. औदारिकमिश्रकाययोगी जीवोंमें मोहनीयकर्मकी उत्कृष्ट स्थिति किसके होती है ? जो कोई.एक देव या नारकी जीव मोहनीयकर्मकी उत्कृष्ट स्थिति बांधकर मरा और तियचोंमें उत्पन्न होकर पहले समयमें औदारिकमिश्रकाययोगी हो गया उसके मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थिति होती है ? वैक्रियिकमिश्रकाययोगी जीवों में मोहनीयकी उत्कृष्ट किसके होती है ? जो कोई एक मनुष्य या तिर्यंच मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थिति बांध कर मरा और नारकियोंमें उत्पन्न होनेके पहले समयमें वैक्रियिकमिश्रकाययोगी होगया उसके मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थिति होती है। आहारकाययोगी जीवोंमें मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थिति किसके होती है ? जिसके तत्प्रायोग्य मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थिति विद्यमान है ऐसा कोई एक वेदकसम्यग्दृष्टि जीव आहारकाययोगी होगया उसके पहले समयमें मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थिति होती है। आहारकमिश्रकाययोगी जीवोंमें मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थिति किसके होती है ? मोहनीयकी उत्कृष्ट स्थितिकी सत्तावाला जो वेदकसम्यग्दृष्टि जीव आहारक
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