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________________ ३६६ विषय पृष्ठ | विषय इसी प्रकार आयु, नाम और गोत्रके जिसके ज्ञानावरणीयवेदना क्षेत्रसे उत्कृष्ट जाननेकी सूचना होती है उसके द्रव्य आदिकी अपेक्षा ऋजुसूत्रनयकी अपेक्षा ज्ञानावरणवेदना कैसी होती है इसका विचार ३८१ स्थित और अस्थित है इसका विचार ३६८ जिसके ज्ञानावरणीयवेदना कालकी अपेक्षा इसी प्रकार शेष सात कर्मों के जाननेकी उत्कृष्ट होती है उसके द्रव्यादिकी सूचना अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार ३८७ शब्दनयकी अपेक्षा आठों कर्मोंकी वेदना जिसके ज्ञानावरणवेदना भावकी अपेक्षा अवक्तव्य है इसका विचार ३६६ उत्कृष्ट होती है उसके द्रव्यादिकी १२ वेदनाअनन्तरविधान ३७०-३७४ अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार ३६१ वेदना अनन्तरविधानके कहनेकी प्रतिज्ञा इसी प्रकार दर्शनावरण, मोहनीय और अन्तरायके जानने की सूचना ३६५ और सार्थकता जिसके वेदनीयवेदना द्रव्यकी अपेक्षा नैगम और व्यवहारनयकी अपेक्षा ज्ञाना उत्कृष्ट होती है उसके क्षेत्र आदिकी वरण वेदना अनन्तरबन्ध, परम्पराबन्ध अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार ३६६ और तदुभयबन्धरूप है इसका विचार ३७१ जिसके वेदनीयवेदना क्षेत्रकी अपेक्षा इसी प्रकार शेष सात कर्मोके जाननेकी उत्कृष्ट होती है उसके द्रव्य आदिकी सूचना ३७२ अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार ३९७ संग्रहनयकी अपेक्षा ज्ञानावरणवेदना जिसकी वेदनीयवेदना कालकी अपेक्षा अनन्तरबन्ध और परम्पराबन्ध रूप उत्कृष्ट होती है उसके द्रव्य आदिकी है इसका विचार ३७२ अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार इसी प्रकार शेष सात कर्मों के जाननेकी जिसकी वेदनीयवेदना भावकी अपेक्षा सुचना उत्कृष्ट होती है उसके द्रव्य आदिकी ऋजुसूत्र नयकी अपेक्षा ज्ञानावरणवेदना अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार ४०२ परम्परा बन्धरूप है इसका विचार ३७३ इसीप्रकार नाम और गोत्रकर्मके जाननेकी इसी प्रकार शेष सात कर्मों के जाननेकी सूचना ३७४ सूचना ४०४ शब्दनयकी अपेक्षा आठों कोंकी वेदना जिसके आयुवेदना द्रव्यकी अपेक्षा उत्कृष्ट अवक्तव्य है इसका विचार ३७४ होती है उसके क्षेत्र आदिकी अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार ४०५ १३ वेदनासन्निकर्षविधान ३७५-४७६ जिसके आयुवेदना क्षेत्रकी अपेक्षा उत्कृष्ट वेदनासन्निकषके दो भेद व उनकी सार्थकता ३७५ होती है उसके द्रव्य आदिकी अपेक्षा स्वस्थान सन्निकर्षके दो भेद कैसी होती है इसका विचार ४०७ जघन्य स्वस्थान सन्निकर्षके स्थगित जिसके आयुवेदना कालकी अपेक्षा उत्कृष्ट करनेका कारण होती है उसके द्रव्य आदिकी अपेक्षा उत्कृष्ट स्वस्थान सन्निकर्षके चार भेद कैसी होती है इसका विचार ४०८ जिसके ज्ञानावरण वेदना द्रव्यसे उत्कृष्ट जिसके आयुवेदना भाक्की अपेक्षा उत्कृष्ट होती है उसके क्षेत्र आदिकी अपेक्षा होती है उसके द्रव्य आदिकी अपेक्षा कैसी होती है इसका विचार ... ३७७ | कैसी होती है इसका विचार .. .४११ ४०१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001406
Book TitleShatkhandagama Pustak 12
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1955
Total Pages572
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size13 MB
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