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५८) छक्खंडागमे वेयणाखंड
[४, २, ५, १०. एत्थ वि गुणगारो पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो ।
बादरणिगोदजीवअपज्जत्तयस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा ॥ ४०॥
गुणगारो पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो ।
णिगोदपदिविदअपज्जत्तयस्स जहणिया ओगाहणा असंखेजगुणा ॥४१॥
गुणगारो पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो ।
बादरवणप्फदिकाइयपत्तेयसरीरअपज्जत्तयस्स जहणिया ओगाहणा असंखज्जगुणा ॥ ४२॥
गुणगारो पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो ।
बीइंदियअपज्जत्तयस्स जहणिया आगाहणा असंखज्जगुणा ॥४३॥
गुणगारो पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो ।
तीइंदियअपज्जत्तयस्स जहणिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा ॥४४॥
गुणगारो पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो।
यहां भी गुणकार पल्योपमका असंख्यातवां भाग है। उससे बादर निगोद जीव अपर्याप्तककी जघन्य अवगाहना असंख्यातगुणी है ॥४॥ गुणकार पल्योपमका असंख्यातवां भाग है। उससे निगोदप्रतिष्ठित अपर्याप्तककी जघन्य अवगाहना असंख्यातगुणी है ॥४१॥ गुणकार पल्योपमका असंख्यातवां भाग है।
उससे बादर वनस्पतिकायिक प्रत्येकशरीर अपयाप्तककी जघन्य अवगाहना असंख्यातगुणी है ॥ ४२ ॥
गुणकार पल्योपमका असंख्यातवां भाग है। उससे द्वीन्द्रिय अपर्याप्तककी जघन्य अवगाहना असंख्यातगुणी है ॥४३॥ गुणकार पल्योपमका असंख्यातवां भाग है। त्रीन्द्रिय अपर्याप्तककी जघन्य अवगाहना उससे असंख्यातगुणी है ॥४४॥ गुणकार पल्योपमका असंख्यातवां भाग है।
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