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________________ ४, २, ६, ५८.] वेयणमहाहियारे वेयणकालविहाणे ठिदिबंधट्ठाणपरूवणा [२२३ जादिविसेसत्तादो। तेणेव कारणेण संकिलेस-विसोहिहाणाणं पि सिद्धमसंखेज्जगुणत्तं । एत्थ वि गुणगारो पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो होदि । तीइंदियपज्जत्तयस्स संकिलेस-विसोहिट्ठाणाणि असंखेज्जगुणणि ॥ ५८ ॥ को गुणगारो ? पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो । कारणं जाणिय वत्तव्वं । चउरिंदियअपज्जत्तयस्स संकिलेस-विसोहिट्ठाणाणि असंखेज्जगुणाणि ॥ ५९ ॥ कुदो ? तीइंदियपज्जत्तयस्स हिदिबंधहाणेहिंतो चउरिंदियअपज्जत्तयस्स हिदिबंधसंखेजगुणत्तुवलंभादो । तं पि क, णव्वदे ? जादिविसेसादो । को गुणगारो ? पलिदोवमस्स असंखेजदिभागो । कारणं चिंतिय वत्तव्यं । चरिंदियपज्जत्तयस्स संकिलेस-विसोहिट्ठाणाणि असंखेज्जगुणाणि ॥ ६०॥ __ समाधान-भिन्नजातीय होनेसे उनके संख्यातगुणे होनेमें कोई विरोध नहीं है। इसी कारण संक्लेश-विशुद्धिस्थानोंके भी असंख्यातगुणत्व सिद्ध होता है। यहां भी गुणकार पल्योपमका असंख्यातवां भाग है। " । त्रीन्द्रिय पर्याप्तकके संक्लेशविशुद्धिस्थान असंख्यातगुणे हैं ॥ ५८॥ गुणकार क्या है ? गुणकार पल्योपमका असंख्यातवां भाग है ? इसका कारण जानकर कहना चाहिये। चतुरिन्द्रिय अपर्याप्तकके संक्लेश-विशुद्धिस्थान असंख्यातगुणे हैं ॥ ५९॥ शंका-वे असंख्यातगुणे किस कारणसे हैं ? समाधान-चूंकि श्रीन्द्रिय पर्याप्तकके स्थितिबन्धस्थानोंकी अपेक्षा चतुरिन्द्रिय अपर्याप्तकके स्थितिबन्धस्थान संख्यातगुणे पाये जाते हैं, अतः उसके संक्लेशविशुद्धिस्थानोंके असंख्यातगुणे होने में कोई विरोध नहीं हैं। शंका वह भी कैसे जाना जाता है ? समाधान-भिन्न जातीय होनेसे त्रीन्द्रिय पर्याप्तकके स्थितिबन्धस्थानोंकी अपेक्षा चतुरिन्द्रिय अपर्याप्तकके स्थितिबन्धस्थान संख्यातगुणे हैं, यह जाना जाता है। गुणकार क्या है ? गुणकार पल्योपमका असंख्यातवां भाग है। कारण विचार कर कहना चाहिये। चतुरिन्द्रिय पर्याप्तकके संक्लेश-विशुद्धिस्थान असंख्यातगुणे हैं ॥ ६ ॥ १ ताप्रती · वितेसादो' इति पाठः । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001405
Book TitleShatkhandagama Pustak 11
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Balchandra Shastri, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1995
Total Pages410
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size10 MB
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