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________________ १३२] artisan daणाखंड [ ४, १, ४४. भवणि पंचमासाहियपंचुत्तरछस्सद वासाणि हवंति । एसो वीरजिणिदणिव्वाणगद दिवसादो जव सगकालस्स आदी होदि तावदियकालो । कुदो ? | ६९५ | एदम्हि काले सगणरिंदकालम पक्खित्ते वडमाणजिणणिव्वुदकालागमणादो । वृत्तं च अण्ण के वि आइरिया चोदस सहस्स - सत्तसद - तिणउदिवासेसु जिणणिव्वाणदिणादो इक्कंतेसु सगणरिंदुष्पत्तिं भणति | १४७९३ । वुत्तं च - गुत्ति- पत्थ-भयाई चोदसरयणाइ समइकंताई | परिणिबुदे जिनिंदे तो रज्जे सगणस्स ॥ ४२ ॥ अणे के वि आइरिया एवं भणति । तं जहा - सत्तसहस्स - णवसय- पंचाणउदि पंच य मासा पंच य वासा छच्चेव होंति वाससा । सगकाले य सहिया थावेव्वा तदो रासी' ॥ ४१ ॥ [ ७७ वर्ष ७ मास ] कम करनेपर पांच मास अधिक छह से पांच वर्ष होते हैं । यह, वीर जिनेन्द्र के निर्वाण प्राप्त होनेके दिनसे लेकर जब तक शककालका प्रारम्भ होता है, उतना काल है । इस कालके ६०५ वर्ष और ५ माह होनेका कारण यह कि इस कालमें शक नरेन्द्र के कालको मिला देनेपर वर्धमान जिनके मुक्त होनेका काल आता है। कहा भी है सौ तेरा भी है www पांच मास, पांच दिन और छह सौ वर्ष होते हैं । इस लिये शककालसे सहित राशि स्थापित करना चाहिये ॥ ४९ ॥ अन्य कितने ही आचार्य वीर जिनेन्द्रके मुक्त होनेके दिनसे चौदह हजार सात वर्षों बीत जानेपर शक नरेन्द्रकी उत्पत्तिको कहते हैं [ १४७९३ ] । कहा Jain Education International वीर जिनेन्द्रके मुक्त होनेके पश्चात् गुप्ति, पदार्थ, भय' और चौदह रत्नों अर्थात् चौदह हजार सात सौ तेरानचे वर्षोंके वीतनेपर शक नरेन्द्रका राज्य हुआ ॥ ४२ ॥ अन्य कितने ही आचार्य इस प्रकार कहते हैं। जैसे - वर्धमान जिनके मुक्त १ णिव्त्राणे वीरजिणे छत्र्वाससदेसु पंचवरिसेतुं । पणमासेसु गदेसुं संजादो संगणिवो अहवा || ति. प. ४, १४९९. वर्षाण षट्शतीं त्यक्त्वा पंचामं मासपंचकम् । मुक्तिं गते महावीरे शकराजस्ततोऽभवत् ॥ ३. पु. ६०, ५५१. 焱 २ चोदससहससगसयतेणउंदीवास काल बिच्छे | वीरेसरसिद्धीदो उप्पण्णो सगणिओ अवा ॥ वि. प. ४, १४९८. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001403
Book TitleShatkhandagama Pustak 09
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1949
Total Pages498
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size11 MB
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