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________________ ३, ६८.] तिरिक्खगदीए मिच्छत्तादीणं बंधसामित्तं [ १२३ भावादो । सेसपयडीणं बंधो सादि-अद्धवो, अद्धवबंधित्तादो । मिच्छत्त-णqसयवेद-णिरयाउ--णिरयगइ-एइंदिय-बीइंदिय-तीइंदिय-चउरिदियजादि-हुंडसंठाण-असंपत्तसेवट्टसंघडण-णिरयगइपाओग्गाणुपुवि-आदाव-थावर-सुहुम-अपज्जत्त साहारणसरीरणामाणं को बंधो को अबंधो ? ॥ ६७ ।। सुगमं । मिच्छाइट्ठी बंधा । एदे बंधा, अवसेसा अबंधा ॥ ६८ ॥ एदस्स अत्थो वुञ्चदे- मिच्छत्त-एइंदिय-बीइंदिय-तीइंदिय-चउरिंदिय-आदावथावर-सुहुम-अपज्जत्त-साहारणाणं बंधोदया समं वोच्छिण्णा, मिच्छाइटिं मोत्तूणेदासिं उवरिमेसु उदयाभावादो। णबुंसयवेद-हुंडसंगण-असंवत्तसेवसंघडणाणं बंधवोच्छेदो चेव णोदयस्स, सव्वगुणेसुदयदंसणादो । गिरयाउ-णिरयगइपाओग्गापुवीणं तिरिक्खगदीए उदयाभावादो पुव्वं पच्छा बंधोदयवोच्छेदविचा। णस्थि । बन्ध सादि व अधुध होता है, क्योंकि चे अधुववन्धी हैं। मिथ्यात्व, नपुंसकवेद, नारकायु, नरकगति, एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय जाति, हुण्डसंस्थान, असंप्राप्तमृपाटिकाशरीरसंहनन, नरकगतिप्रायोग्यानुपूर्वी, आताप, स्थावर, सूक्ष्म, अपर्याप्त और साधारणशरीर नामकाँका कौन बन्धक और कौन अबन्धक है ? ॥ ६७॥ यह सूत्र सुगम है। मिथ्यादृष्टि बन्धक हैं । ये बन्धक हैं, शेष तिर्यंच अबन्धक हैं ॥ ६८ ।। इसका अर्थ कहते हैं- मिथ्यात्व, एकेन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय, आताप, स्थावर, सूक्ष्म, अपर्याप्त और साधारण, इतका बन्ध और उदय दोनों साथ व्युच्छिन्न होते हैं, क्योंकि मिथ्यादृष्टि गुणस्थानको छोड़कर उपरिम गुणस्थानों में इन प्रकृतियोंके उदयका अभाव है। नपुंसकवेद, हुण्डसंस्थान और असंप्राप्तसृपाटिकासंहनन, इनके बन्धका ही व्युच्छेद है, उदयका नहीं; क्योंकि सब गुणस्थानों में इनका उदय देखा जाता है । नारकायु और नरकगतिप्रायोग्यानुपूर्वीका तिर्यग्गतिमें उदय न होनेसे इनके पूर्व या पश्चात् बन्धोदयव्युच्छेद होनेका विचार नहीं है । १ अ-आप्रत्योः ' उदयभावादो' इति पाठः । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001402
Book TitleShatkhandagama Pustak 08
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1947
Total Pages458
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size10 MB
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