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२८८ ]
छक्खंडागमे खुद्दा
[ २, ५, १२८.
संजमाणुवादेण संजदा सामाइयच्छेदोवद्वावणसुद्धिसंजदा दव्व
पमाणेण केवडिया ? ॥ १२८ ॥
सुगमं ।
कोडितं ॥ १२९ ॥
एदं पि सुगमं ।
परिहारसुद्धिसंजदा दव्वपमाणेण केवडिया ? ॥ १३० ॥
सुगमं ।
सहसपुत्तं ॥ १३१ ॥
एदस्स परूवणाए जीवडाणभंगो ।
सुहुमसां पराइयसुद्धिसंजदा दव्यपमाणेण केवडिया ? ॥ १३२ ॥ सुगमं । सदपुत्तं ॥ १३३ ॥
संयममार्गणाके अनुसार संयत और सामायिक छेदोपस्थापनशुद्धिसंयत द्रव्यप्रमाणसे कितने हैं ? ॥ १२८ ॥
यह सूत्र सुगम है ।
संयत और सामायिक-छेदोपस्थापनशुद्धिसंयत द्रव्यप्रमाणसे कोटिपृथक्त्वप्रमाण हैं ॥ १२९ ॥
यह सूत्र भी सुगम है ।
परिहारशुद्धिसंयत द्रव्यप्रमाणसे कितने हैं ? ॥ १३० ॥
यह सूत्र सुगम है ।
परिहारशुद्धिसंयत द्रव्यप्रमाणसे सहस्रपृथक्त्व प्रमाण हैं ।। १३१ ।।
इसकी प्ररूपणा जीवस्थानके समान है । ( देखो जीवस्थान द्रव्यप्रमाणानुगम, सूत्र १५० की टीका ) ।
सूक्ष्मसाम्परायिक शुद्धिसंयत द्रव्यप्रमाणसे कितने हैं ? ॥ १३२ ॥
यह सूत्र सुगम है ।
सूक्ष्मसाम्परायिकशुद्धिसंयत द्रव्यप्रमाणसे शतपृथक्त्वप्रमाण हैं ।। १३३ ॥
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