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________________ पृष्ठ नं. ३०१ विषय सूची क्रम नं. विषय पृष्ठ नं. | क्रम नं. विषय ३९. संक्षी और असंही जीवों का १५ पंचेन्द्रिय अपर्याप्तोंकी क्षेत्रप्रमाण प्ररूपणा ३२८ ४० आहारक व अनाहारक १६ पृथिवीकायिकादिक व सूक्ष्म जीवोंका प्रमाण पृथिवीकायिकादिक जीवोंकी क्षेत्रानुगम क्षेत्रप्ररूपणा ३२९ १७ बादर पृथिवीकायिकादिक १ स्वस्थान समुद्घात व उपपादके भेद और उनके लक्षण ___ आठ वाँकी क्षेत्रप्ररूपणा ३३० २ नारकियोंकी क्षेत्रप्ररूपणा १८ आठ पृथिवियोंका जगप्रतरऔर उनके मारणान्तिक क्षेत्रके प्रमाण ३३१ निकालने का विधान १९ पर्याप्त बादर पृथिवीकायि३ उपपादक्षेत्रके निकालनेका कादिकोंकी क्षेत्रप्ररूपणा. विधान २० बादर वायुकायिक व उनके ४ पांच प्रकारके तिर्यंचोंकी __ अपर्याप्तोंकी क्षेत्रप्ररूपणा • क्षेत्रप्ररूपणा २१ बादर वायुकायिक पर्याप्तोंकी ५ मनुष्य, ममुष्य पर्याप्त और क्षेत्रप्ररूपणा ३३६ मनुष्यनियोंकी क्षेत्रप्ररूपणा २२ वनस्पतिकायिक व निगोद ६ मनुष्य अपर्याप्तोंका क्षेत्र जीवोंकी क्षेत्रप्ररूपणा ३३७ ७ मारणान्तिक क्षेत्रके निकाल २३ बावर वनस्पतिकायिक व नेका विधान बादर निगोद जीवोंकी क्षेत्र८ सामान्य देवोंका क्षेत्रप्रमाण ३१३ प्ररूपणा ३३८ ९ भवनवासी आदि सर्वार्थ- २४ त्रसकायिक जीवोंका क्षेत्र सिद्धि पर्यंत देवोंका क्षेत्र २५ पांचों मनोयोगी और पांचों १० भवनवासी आदि देवोंका ___ वचनयोगियोंकी क्षेत्रप्ररूपणा ३५० शरीरोत्सेध २६ काययोगी और औदारिक११ सामान्य एकेन्द्रिय व सूक्ष्म एकेन्द्रिय तथा उनके पर्याप्त __मिश्रकाययोगियोंका क्षेत्र ३४१ अपर्याप्तोंकी क्षेत्रप्ररूपणा २७ औदारिककाययोगियोंका क्षेत्र ३४२ १२ बादर एकेन्द्रिय पर्याप्त व २८ वैक्रियिककाययोगियोंका क्षेत्र ३४३ अपर्याप्तोंकी क्षेत्रप्ररूपणा २९ वैक्रियिकमिश्रकाययोगियोंकी १३ द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय और चतु. क्षेत्रप्ररूपणा ३४५ रिन्द्रिय जीवोंकी क्षेत्रप्ररूपणा ३२४ | ३० आहारकाययोगियोंका क्षेत्र १४ पंचेन्द्रिय व पंचेन्द्रिय पर्याप्त ३१ आहारमिश्रकाययोगियों की जीवोंकी क्षेत्रप्ररूपणा ३२६ । क्षेत्रप्ररूपणा ३३९ ३२० ३५६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001401
Book TitleShatkhandagama Pustak 07
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1945
Total Pages688
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size13 MB
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