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________________ षट्खंडागमको प्रस्तावना क्रम नं. विषय पृष्ठ नं. क्रम नं. विषय पृष्ठ नं. २ इन्द्रिय व कायमाणामें १. द्वीन्द्रियादिक जीवोंका प्रमाण २६९ __ अस्ति नास्तिभंगोंका निरूपण १५ पृथिवीकायिकादिक स्थावर ३ योग, वेद व कषाय मार्गणामें जीवोंका प्रमाण २७० __ अस्ति-नास्ति भंगोंका निरूपण २४० १६ त्रसकायिक जीवोंका प्रमाण ४ज्ञान व संयम मागंणाम १७ मनोयोगी व वचनयोगी अस्ति-नास्ति भंगोंका निरूपण ___ जीवोंका प्रमाण ५दर्शन,लेश्या वभव्य मार्गणामें १८ काययोगी जीवोंका प्रमाण २७८ अस्ति नास्ति भंगोंका निरूपण १९ स्त्री-पुरुषवेदी , , ૨૮૨ ६ सम्यक्त्व, संझी व आहार २० नपुंसकवेदी , , २८२ मार्गणामें अस्ति-नास्ति २१ अपगतवेदी , , २८३ भंगोंका निरूपण २२ क्रोधादिकषायी , " २८४ द्रव्यप्रमाणानुगम २३ अकषायी " " २८५ १ गतिमार्गणानुसार द्रव्य, काल २४ मति-श्रुत अज्ञानी, " व क्षेत्रकी अपेक्षा नारकी २५ विभंगहानी " " जीवोंका प्रमाण २४४ २६ मति, श्रुत व अवधिज्ञानी २ द्रव्य, काल व क्षेत्रकी अपेक्षा जीवोका प्रमाण तिर्यच जीवोंका प्रमाण २५० २७ मनःपर्यय व केवलज्ञानी ३ मनुष्य वं मनुष्य अपर्याप्तोंका ___ जीवोंका प्रमाण प्रमाण २८ संयत जीवोंका प्रमाण २८८ ४ मनुष्य पर्याप्त और मनुष्य २९ असंयत , , २८९ नियोंका प्रमाण २५७ ३० चक्षुदर्शनी जीवोंका प्रमाण ५ सामान्य देघोंका प्रमाण २५९ ३१ अचक्षुदर्शनी और अवधि६ भवनवासी देवोंका प्रमाण दर्शनी जीवोंका प्रमाण ७ वानव्यन्तर " " ३२ केवलदर्शनी जीवोंका प्रमाण २९२ ८ ज्योतिषी , " ९ सौधर्म-ईशानकल्पवासी देवोंका ३३ कृष्णादिक चार लेश्यावाले जीवोंका प्रमाण प्रमाण १० सनत्कुमारादि शतार-सहस्रार ३४ पद्म व शुक्ल लेश्यावाले . कल्पवासी देवोंका प्रमाण २६५ २९३ जीवोंका प्रमाण ११ आनतादि अपराजित विमान ३५ भव्यसिद्धिक जीवोंका प्रमाण २९४ __ वासी देवोंका प्रमाण ३६ अभव्यसिद्धिक , , १२ सर्वार्थसिद्धि विमानवासी ३७ सम्यग्दृष्टि और सम्यग्मिथ्यादेवोंका प्रमाण २६७ दृष्टि जीवोंका प्रमाण २९६ १३ एकेन्द्रिय जीवोका प्रमाण , ३८ मिथ्यारष्टि जीयोंका प्रमाण २९७ २८७ २९१ २६२ २६३ २६६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001401
Book TitleShatkhandagama Pustak 07
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1945
Total Pages688
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size13 MB
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