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________________ २, २, १४०.] एगजीवेण कालाणुगमे अण्णाणित्तियकालपरूवर्ण (१५३ अणादियमिच्छाइट्टिस्स तिण्णि वि करणाणि अद्धपोग्गलपरियट्टस्स बाहिं काऊण पोग्गलपरियट्टादिसमए उवसमसम्मत्तं घेत्तूण आभिणिबोहिय-सुदणाणाणि पडिवज्जिय सबजहण्णमंतोमुहुत्तमच्छिय छ आवलियाओ अत्थि त्ति सासणं गंतूण मदि-सुदअण्णाणमादि करिय मिच्छत्तं गंतूण पोग्गलपरियदृस्स अद्धं देसूणं परिभमिय पुणो अपच्छिमे भवे मदि-सुदणाणाणि उप्पाइय अंतोमुहुत्तेण अबंधगत्तं गदस्स देसूणपोग्गलपरियङ्कस्स अद्भवलंभादो । विभंगणाणी केवचिरं कालादो होदि ? ॥ १३८ ॥ सुगमं । जहण्णेण एगसमओ ॥ १३९ ॥ देवस्स परइयस्स वा उवसमसम्माइडिस्स उवसमसम्मत्तद्धाए एगसमयावेससाए सासणं गंतूण विभंगणाणेण सह एगसमयमच्छिय बिदियसमए मदस्स' तदुवलंभादो । उक्कस्सेण तेत्तीस सागरोवमाणि देसूणाणि ॥ १४०॥ क्योंकि, अनादिमिथ्यादृष्टि जीवके अर्धपुद्गलपरिवर्तन कालके बाहिर तीनों ही करणोंको करके पदलपरिवर्तनके प्रथम समयमें उपशमसम्यक्त्वको ग्रहणकर आभिनिबोधिक व श्रुत ज्ञानको प्राप्त करके और सर्वजघन्य अन्तर्मुहूर्त काल तक रहकर उपशमसम्यक्त्वमें छह आवलियां शेष रहनेपर सासादनसम्यक्त्वको प्राप्त होकर मति और श्रुत अज्ञानका आदि करके मिथ्यात्वको प्राप्त हो कुछ कम अर्धपुद्गलपरिवर्तन काल तक भ्रमण करके पुनः अन्तिम भवमें मति एवं श्रुत ज्ञानको उत्पन्न कर अन्तर्मुहूर्त कालसे अबन्धक अवस्थाको प्राप्त होनेपर कुछ कम अर्धपुद्गलपरिवर्तन काल पाया जाता है। जीव विभंगज्ञानी कितने काल तक रहता है ? ॥ १३८ । यह सूत्र सुगम है। कमसे कम एक समय तक जीव विभंगज्ञानी रहता है ।। १३९ ॥ क्योंकि, देव अथवा नारकी उपशमसम्यग्दृष्टिके उपशमसम्यक्त्वकालमें एक समय शेष रहनेपर सासादनसम्यक्त्वको प्राप्त होकर और विभंगज्ञानके साथ एक समय रहकर द्वितीय समयमें मृत्युको प्राप्त होनेपर वह सूत्रोक्त काल पाया जाता है। अधिकसे अधिक कुछ कम तेतीस सागरोपम काल तक जीव विभंगज्ञानी रहता है ॥ १४० ॥ १ प्रतिधु 'गदस्स ' इति पाठः। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001401
Book TitleShatkhandagama Pustak 07
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1945
Total Pages688
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size13 MB
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