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________________ पृष्ठ नं. २०३ २०६ २१४ २२० . २२१ २२२ (३६) षट्खंडागमकी प्रस्तावना क्रम नं. विषय पृष्ठ नं. क्रम नं. विषय ४ सातावेदनीयका जघन्य सम्यक्त्वोत्पत्तिचूलिका स्थितिबन्ध व आबाधा । १ सम्यक्त्वप्राप्तिके योग्य कर्म५ मिथ्यात्वका जघन्य स्थिति स्थिति आदिका निर्देश तथा बन्ध व आबाधा। क्षयोपशमादि चार लब्धि ६ अनन्तानुबन्धी आदि बारह योंका निरूपण। कषायोंका जघन्य स्थिति २ सम्यक्त्वप्राप्तिके योग्य जीवका बन्ध व आबाधा । निरूपण । ७ संज्वलन क्रोध, मान और ३ सर्वविशुद्धका लक्षण तथा मायाका जघन्य स्थितिबन्ध अधःप्रवृत्त करणविशुद्धियोका व अबाधा। १८८ निरूपण । ८ पुरुषवेदका जघन्य स्थिति ४ अपूर्वकरणका निरूपण | बन्ध व आबाधा। ५ अनिवृत्तिकरणका निरूपण । ९ स्त्रीवेदादिप्रकृतियोंका जघन्य ६ अधःप्रवृत्तकरणादि विशुस्थितिबन्ध व आवाधा। द्धियों द्वारा होनेवाले स्थिति१० नारकायु व देवायुका जघन्य बन्धापसरणादि कार्य । स्थितिबन्ध व आवाधा। १९३ ७ प्रथमसम्यक्त्वको उत्पन्न ११ तिर्यगायु और मनुष्यायुका करनेवाले जीवके द्वारा किये जानेवाले अन्तरकरणका ___ जघन्य स्थितिबन्ध व आबाधा। , निरूपण। १२ नरकगति आदि प्रकृतियोंका ८ मिथ्यात्वके तीन भागोंका जघन्य स्थितिबन्ध व निरूपण । आबाधा। ९ पच्चीस पदवाला अल्पबहुत्व आहारकशरीर आहारक १० दर्शनमोहनीय कर्मके उपशमके शरीरांगोपांग और तीर्थकर ___योग्य गत्यादिकोंका निरूपण । प्रकृतिका जघन्य स्थितिबन्ध ११ दर्शनमोहनीयकी क्षपणाके व आबाधा। प्रारम्भ योग्य सामग्री। १४ यश-कीर्ति और उच्च गोत्रके १२ दर्शनमोहनीयकी क्षपणाके जघन्य स्थितिबन्ध और निष्ठापन योग्य गतियोंका आबाधाप्रमाणका निरूपण निर्देश एवं दर्शनमोहक्षपतथा जघन्य व उत्कृष्ट प्रदेश ककी विशेष प्ररूपणा बन्ध एवं अनुभागबन्धके न १३ प्रथमसमयवर्ती अपूर्वकरणसे कहने रूप शंकाका समाधान। लेकर प्रथमसमयवर्ती कृत१५ सत्व, उदय और उदीरणाके कृत्य वेदक होने तक अनु. न कहनेरूप शंकाका भागकाण्डकोत्कीरणकालादि समाधान। २०१ । पदोंका अल्पबहुत्व । २३० २३६ २३८ २६३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001400
Book TitleShatkhandagama Pustak 06
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1943
Total Pages615
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size13 MB
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