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________________ ४३२] छक्खंडागमे जीवट्ठाणं [ १, ९-९, ३५. कुदो ? पज्जत्तपढमसमयप्पहुडि अंतोमुहुत्तम्हि तिविहकरणपरिणामाभावादो । एवं जाव उवरिमउवरिमगेवज्जविमाणवासियदेवा ति ॥३५॥ सुगममेदं । देवा मिच्छाइट्टी कदिहि कारणेहि पढमसम्मत्तमुप्पा-ति?॥३६॥ पढमसम्मत्तं कज्जं । कुदो ? अण्णहा तस्सुप्पत्तिविरोहादो । कज्जं च कारणादो उप्पज्जदि, णिक्कारणस्स उप्पत्तिविरोहादो । तं च कारणादो उप्पज्जमाणं पढमसम्मत्तं कदिहि कारणेहि उप्पज्जदि त्ति पुच्छा कदा । (चदुहि कारणेहि पढमसम्मत्तमुप्पाएंति- केइं जाइस्सरा, केइं सोऊण, केइं जिणमहिमं दट्टण, केइं देविद्धिं दट्टण ॥ ३७॥ (जिणबिंबदसणं पढमसम्मत्तस्स कारणत्तेण एत्थ किण्ण उत्तं ? ण एस दोसो, जिणमहिमदंसणम्मि तस्स अंतब्भावादो, जिणबिंबेण विणा जिणमहिमाए अणुववत्तीदो । क्योंकि, पर्याप्तकालके प्रथम समयसे लेकर अन्तर्मुहूर्तकाल तक तीन प्रकारके करणपरिणामोंका अभाव पाया जाता है। इस प्रकार ऊपर ऊपर ग्रैवेयकविमानवासी देव तक प्रथम सम्यक्त्व ग्रहण करते हैं ॥ ३५॥ यह सूत्र सुगम है। मिथ्यादृष्टि देव कितने कारणोंसे प्रथम सम्यक्त्वको उत्पन्न करते हैं ? ॥३६॥ प्रथम सम्यक्त्व कार्य है, क्योंकि, अन्यथा उसकी उत्पत्ति मानने में विरोध आता है । और कार्य कारणसे ही उत्पन्न होता है, क्योंकि कारणके विना कार्यकी उत्पत्ति मानने में विरोध आता है। अतएव कारणसे उत्पन्न होनेवाला वह प्रथम सम्यक्त्व कितने कारणोंसे उत्पन्न होता है, ऐसा प्रश्न इस सूत्रमें किया गया है। मिथ्यादृष्टि देव चार कारणोंसे प्रथम सम्यक्त्व उत्पन्न करते हैं- कितने ही जातिस्मरणसे, कितने ही धर्मोपदेश सुनकर, कितने ही जिनमहिमा देखकर और कितने ही देवोंकी ऋद्धि देखकर ॥ ३७॥ शंका-यहां जिनबिम्बदर्शनको प्रथम सम्यक्त्वके कारणरूपसे क्यों नहीं कहा? समाधान-यह कोई दोष नहीं, क्योंकि जिनविम्बदर्शनका जिनमहिमादर्शनमें ही अन्तर्भाव हो जाता है, कारण कि जिनबिम्बके विना जिनमहिमाकी उपपत्ति बनती नहीं है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001400
Book TitleShatkhandagama Pustak 06
Original Sutra AuthorPushpadant, Bhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
PublisherJain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati
Publication Year1943
Total Pages615
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size13 MB
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