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८ संयममा
षट्खंडागमकी प्रस्तावना क्रम नं. विषय पृ.नं. क्रम नं.
विषय
पृ. नं. विशेषताओंके साथ स्पर्शन- |१३९ असंयत लम्यग्दृष्टिगुणस्थानसे क्षेत्रका वर्णन
२७५-२७६ लेकर क्षीणकषायगुणस्थान १३० नपुंसकवेदी मिथ्यादृष्टि जीवोंके
तकके मति, शुत और अवधि. तदन्तर्गत शंका-समाधानके
ज्ञानी जीवोंके स्पर्शनक्षेत्रका साथ स्पर्शनक्षेत्रका निरूपण २७६
तदन्तर्गत शंका-समाधानपूर्वक १३१ नपुंसकवेदी सासादनसम्य
निरूपण
२८३-२८४ ..ग्दृष्टि जीवोंका वर्तमान और
|१४० प्रमत्तसंयत गुणस्थानसे लेकर अतीतकालिक स्पर्शनक्षेत्र २७६-२७७/
क्षीण कषाय गुणस्थान तकके १३२ सम्यग्मिथ्यादृष्टि गुणस्थानसे
मनःपर्ययज्ञानी जीवोंका लेकर अनिवृत्तिकरण गुणस्थान
स्पर्शनक्षेत्र
२८४ तकके नपुंसकवेदी जीवोंका
१४१ केवलज्ञानी सयोगिकेवली वर्तमान और अतीतकालिक स्पर्शनक्षेत्र
और अयोगिकेवली जिनका २७७-२७९ स्पर्शनक्षेत्र
२८४-२८५ १३३ अपगतवेदी जीवोंक क्षेत्र
८ संयममार्गणा २८५-२८८ . ६ (कपायमार्गणा) २८०-२८१ १४२ प्रमत्तसंयत गुणस्थानसे लेकर
अयोगिकेवली गुणस्थान तकके १३४ मिथ्यादृष्टि गुणस्थानसे लेकर
संयत जीवोंका स्पर्शनक्षेत्र अनिवृत्तिकरण गुणस्थान
२८५-२८६ तकके चारों कषायवाले
१४३ प्रमत्तसंयत गुणस्थानसे लेकर जीवोंका स्पर्शनक्षेत्र
२८० अनिवृत्तिकरण गुणस्थान तकके १३५ लोभकषायवाले सूक्ष्मसाम्प.
सामायिक और छेदोपस्थापना रायगुणस्थानवर्ती उपशामक
संयमी जीवोंका स्पर्शनक्षेत्र और क्षपक जीवोंका स्पर्शन
१४४ प्रमत्त और अप्रमत्तलंयत गण
स्थानवर्ती परिहारविशुद्धि१३६ उपशान्तकषाय आदि अन्तिम
संयतोंका स्पर्शनक्षेत्र चारगुणस्थानवाले अकषायी
|१४५ उपशामक और क्षपक सूक्ष्मजीवोंका स्पर्शनक्षेत्र २८०-२८१ साम्परायसंयमी जीवोंका
७ (ज्ञानमार्गणा) २८१-२८५ स्पर्शनक्षेत्र १३७ मिथ्यादृष्टि और सासादन
१४६ अन्तिम चार गुणस्थानवर्ती - सम्यग्दृष्टि मत्यज्ञानी तथा
यथाख्यातसंयमी जीवोंका श्रुताज्ञानी जीवोंके स्पर्शन
स्पर्शनक्षेत्र क्षेत्रका तदन्तर्गत शंका-समा- १४७ संयमासंयमवाले जीवोंका तदधानपूर्वक निरूपण २८१-२८२ न्तर्गत शंका-समाधानके साथ विभंगज्ञानी मिथ्याडष्टि और
स्पर्शनक्षेत्र-निरूपण सासादनसम्यग्दृष्टि जीवोंके
१४८ मिथ्यादृष्टि आदि चार गुणस्पर्शनक्षेत्रकातदन्तर्गत शंका
स्थानवर्ती असंयत जीवोंका समाधानपूर्वक निरूपण २८२-२८३ स्पर्शनक्षेत्र
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