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षट्खंडागमकी प्रस्तावना क्रम नं. विषय
पृष्ठ नं. | क्रम नं. विषय ५७ खंडित,भाजित विरलित, अपहृत,
पात्तिके अनुसार उपशामकों और प्रमाण कारण और निरुक्तिके द्वारा
क्षपकोंकी संख्याका मतभेद धर्गधारामें सासादनसम्यग्दृष्टियोंके ७१ एक एक गुणस्थानमें उपशामक प्रमाणका प्ररूपण
७१ और क्षपकोंका संयुक्त प्रमाण ५८ अधस्तनविकल्पमें द्विरूपवर्गधारा
७२ सयोगिकेवलियोंका प्रवेश व आदिका आश्रय लेकर सासादन
कालकी अपेक्षा प्रमाण । सम्यग्दृष्टियोंके प्रमाणका प्ररूपण
७३ सयोगिकेवली जिनोंकी लक्षपृथ५९ उपरिमविकल्पके तीनों भेदों में
क्व संख्याके निकालनेका विधान द्विरूपवर्गधारा आदिका आश्रय
७४ यथाख्यातसंयतोंका, सर्वसंयतलेकर सासादनसम्यग्दृष्टियोंके
राशिका तथा उपशामक और क्षपप्रमाणका प्ररूपण
कोंका प्रमाण ६० सम्यग्मिथ्यादृष्टि, असंयतसम्य- ७५ प्रमत्त और अप्रमत्तसंयतोंकी ग्दृष्टि और संयतासंयत की प्ररू
राशिके निकालनेका एक नया पणा खडित आदि विधिसे सासा
प्रकार दनसम्यग्दृष्टि की प्ररूपणाके समान ७६ दक्षिणप्रतिपत्तिवाली सर्व संयउनके पृथक् पृथक् अवहारकालके
तोकी संख्यापर आक्षेप और समाद्वारा करनेका निर्देश
धान ६१ सासादनसम्यग्दृष्टि आदिके अव.
७७ उत्तरप्रतिपत्तिकी अपेक्षा प्रमत्त. हारकाल, प्रमाण और पल्योपमकी
संयत आदिका प्रमाण अंकसंदृष्टि
ओघ भागाभाग प्ररूपण ६२ प्रमत्तसंयतोंका प्रमाण
अल्पबहत्वके कथनकी प्रतिज्ञा ६३ अप्रमत्तसंयतोंका प्रमाण
और स्वतंत्र अल्पबहुत्व अनुयोग
द्वारके होते हुए भी यहां उसके ६४ अप्रमत्तसंयतोंके प्रमाणसे प्रमत्त
कहनेका कारण
११४ संयतोंके दूने प्रमाणका कारण
८० अल्पबहुत्वके दो भेद स्वस्थान और ६५ चारों उपशामकोंका प्रवेशकी
सर्वपरस्थान
११४ अपेक्षा प्रमाण
मिथ्यादृष्टिराशिमें स्वस्थान अल्प६६ चारों उपशामकोंका कालकी अपेक्षा
बहुत्वका अभाव
११४ प्रमाण व उनकी संख्याके जोड़नेका ८२ सासादनादि राशियोंमें स्वस्थान प्रकार
अल्पबहुत्व
११४ ६७ चारों क्षपक और अयोगिकेवलीका ८३ ओघ सर्वपरस्थान अल्पबहुस्ख
प्रवेशकी अपेक्षा प्रमाण ६८ चारों क्षपक और अयोगिकेवलीका
आदेशसे द्रव्यप्रमाणनिर्देश १२१-४८७ कालकी अपेक्षा प्रमाण व उनकी संख्याके जोड़नेका प्रकार
१ गतिमार्गणा १२१-३०५ ६९ उपशामकों और क्षपकोंकी संख्याके
(नरकगति) लानेका करणसूत्र
९४ ८४ सामान्य नारक मिथ्यादृष्टि७. उत्तरप्रतिपत्ति और दक्षिण प्रति-
योंका प्रमाण
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