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१, २, १७१.]
दव्वपमाणाणुगमे लेस्सामग्गणा अप्पा बहुगपरूवणं
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बहुखंडा सम्मामिच्छाइट्टिणो । सेसेगखंडं सासण सम्माइट्टिणो । एवं गील- किण्हलेस्साणं पि भागाभागं कायन्त्रं । तेउलेस्सियरासिमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा मिच्छाइहिणो । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा असंजद सम्माइट्टिणो । सेसं संखज्जखंडे कए बहुखंडा सम्मामिच्छाइट्टिणो । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा सासणसम्माइट्टिणो । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा संजदासंजदा । सेसेगभागो पमत्तापमत्तसंजदा । पम्मलेस्सियरासिम संखेजखंडे कए बहुखंडा मिच्छाइट्टिणो । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा असंजद सम्माइट्ठियो । सेसं संखेज्जखंडे कए बहुखंडा सम्मामिच्छाइट्टिणो । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा सासणसम्माइट्टिणो । सेसमसंखेजखंडे कए बहुखंडा संजदासंजदा । सेसेगभागो पमत्तापमत्तसंजदा । सुक्कलेस्सियरासिं संखेज्जखंडे कए बहुखंडा असंजदसम्माइट्टिणो । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा मिच्छाइट्टिणो । सेसं संखेज्जखंडे कए बहुखंडा सम्मामिच्छाइट्टिणो । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा सासणसम्माइट्टिणो । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा संजदासंजदा | सेसेगभागो पमत्तापमत्तादओ ।
अप्पा बहुगं तिविहं सत्थाणादिभेषण । सत्थाणे पयदं । किण्ह णील- काउलेस्सिय
जीव हैं। शेष एक भागके संख्यात खंड करने पर बहुभाग सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीव है । शेष एक भाग प्रमाण सासादनसम्यग्दृष्टि जीव हैं । इसीप्रकार नील और कापोतलेश्याबालों का भी भागाभाग कर लेना चाहिये । तेजोलेश्यावाली जीवराशिके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग मिध्यादृष्टि जीव हैं। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग असंयत सम्यग्दृष्टि जीव हैं। शेष एक भागके संख्यात खंड करने पर बहुभाग सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीव हैं। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग सासादनसम्यग्दृष्टि जीव हैं। शेष एक भाग असंख्यात खंड करने पर बहुभाग संयतासंयत जीव हैं। शेष एक भाग प्रमाण प्रमत्तसंयत और अप्रमत्तसंयत जीव हैं । पद्मलेश्यावाली जीवराशिके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग मिथ्यादृष्टि जीव है। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग असंयतसम्यग्दृष्टि जीव हैं। शेष एक भाग के संख्यात खंड करने पर बहुभाग सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीव हैं। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग सासादनसम्यग्दृष्टि जीव है । शेष एक भाग असंख्यात खंड करने पर बहुभाग संयतासंयत जीव हैं। शेष एक भागप्रमाण प्रमत्तसंयत और अप्रमत्तसंयत जीव हैं। शुक्ललेश्यक राशिके संख्यात खंड करने पर बहुभाग असंयतसम्यग्दृष्टि जीव है। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग मिथ्यादृष्टि जीव है। शेष एक भागके संख्यात खंड करने पर बहुभाग सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीव है। शेष एक भाग असंख्यात खंड करने पर बहुभाग सासादनसम्यग्दृष्टि जीव है। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग संयतासंयत जीव है। शेष एक भागप्रमाणप्रमत्तसंयत आदि जीव है ।
स्वस्थान आदिके भेदले अल्पबहुत्व तीन प्रकारका है । उनमेंसे स्वस्थानमें मल्पबहुत्व
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