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१, २, १४७.] दवपमाणाणुगमे णाणमग्गणाभागाभागपरूवणं
[११३ चेव अवणिदे मिस्सतिणाणिसम्मामिच्छाइट्ठी होति । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा मदि-सुदअण्णाणिसासणसम्माइद्विणो होति । ते चेव पडिरासिं काऊण आवलियाए असंखेजदिभाएण भागे हिदे लद्धं तम्हि चेव अवणिदे विभंगणाणिसासणसम्माइट्ठिणो होति । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा आभिणिवोहिय-सुदणाणिसंजदासजदा होति । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा ओहिणाणिसंजदासजदा होति । सेसं जाणिय वत्तव्यं ।
__ अहवा सबजीवरासिमणंतखंडे कए बहुखंडा मदि-सुदअण्णाणिमिच्छाइट्ठिणो होति । सेसमणंतखंडे कए बहुखंडा केवलणाणिणो भवंति । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा विहंगणाणिमिच्छाइट्ठिणो होति । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा तिणाणिअसंजदसम्माइडिगो होति । सेसं संखेज्जखंडे कए बहुखंडा तिणाणिसम्मामिच्छाइट्ठिणो होति । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा तिणाणिसासणसम्माइट्ठिणो होति । सेसमसंखज्जखेड कए बहुखंडा दुणाणिअसंजदसम्माइहिणो होति । सेसं संखेज्जखंडे कए बहुखंडा दुणाणिसम्मामिच्छाइट्ठिणो हति । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा दुणाणिसासणसम्माइट्ठिणो होति । सेसमसंखेज्जखंडे कए बहुखंडा दुणाणिसंजदासजदा होति । सेसमसंखेज्जखंडे
उसे उसी प्रतिराशिमेंसे घटा देने पर मिश्र तीन ज्ञानवाले सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीव होते हैं। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग मत्यज्ञानी और श्रुताज्ञानी सासादनसम्यग्दृष्टि जीव होते हैं । उन्हीं मत्यज्ञानी और श्रुताज्ञानी सासादनसम्यग्दृष्टि जीवराशिकी प्रतिराशि करके और उसे उसी आवलीके असंख्यातवें भागसे भाजित करने पर जो लब्ध आवे उसे उसी प्रतिराशिमेंसे घटा देने पर विभंगज्ञानी सासादनसम्यग्दृष्टि जीव होते हैं। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग आभिनिबोधिकज्ञानी और श्रुतज्ञानी संयतासंयत होते हैं। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग अवधिज्ञानी संयतासंयत जीव होते हैं। शेष अल्पबहुत्वका जानकर कथन करना चाहिये। अथवा, सर्व जीवराशिके अनन्त खंड करने पर बहुभाग मत्यज्ञानी और श्रुताज्ञानी मिथ्यादृष्टि जीव हैं। शेष एक भागके अनन्त खंड करने पर बहभाग केवलज्ञानी जीव हैं। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग विभंगशानी मिथ्यादृष्टि जीव हैं। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग तीन ज्ञानवाले असंयतसम्यग्दृष्टि जीव हैं। शेष एक भागके संख्यात खंड करने पर बहुभाग तीन शानवाले सम्यग्मिथ्याहष्टि जीव हैं। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग तीन ज्ञानवाले सासादनसम्यग्दृष्टि जीव हैं। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग दो शानवाले असंयतसम्यग्दृष्टि जीव हैं। शेष एक भागके संख्यात खंड करने पर बहुभाग दो ज्ञानवाले सम्यग्मिथ्याटष्टि जीव हैं । शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग दो ज्ञानवाले सासादनसम्यग्दृष्टि जीव हैं। शेष एक भागके असंख्यात खंड करने पर बहुभाग दो सानवाले संयतासंयत जीव हैं। शेष एक भागके असंख्यात खंड
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