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१, २, ७३.] दव्वपमाणाणुगमे चउग्गइअप्पाबहुगपरूवणं
[ ३०१ तिरिक्खमिच्छाइटुिअवहारकालो असंखेज्जगुणो । को गुणगारो ? सूचिअंगुलपढमवग्गमूलस्स असंखेज्जदिभागो । पंचिंदियतिरिक्खअपज्जत्तअवहारकालो विसेसाहिओ। केत्तियमेत्तेण ? आवलियाए असंखेजदिभाएण खंडिदमेत्तेण । पंचिंदियतिरिक्खपज्जत्तमिच्छाइटिअवहारकालो असंखेज्जगुणो। को गुणगारो? आवलियाए असंखेज्जदिभागस्स संखेज्जदिभागो' । देवमिच्छाइटिअवहारकालो संखेजगुणो । को गुणगारे। ? संखेज्जसमया । जोइसियमिच्छाइटिअवहारकालो विसेसाहिओ । केत्तियमेत्तेण ? संखेज्जरूवेहि खंडिदएयखंडमेत्तेण । वाणवेंतरमिच्छाइट्ठिअवहारकालो संखेज्जगुणो । को गुणगारो ? संखेज्जसमया । पंचिंदियतिरिक्खजोणिणीमिच्छाइटिअवहारकालो संखेज्जगुणो । को गुणगारो ? संखेजसमया । विदिय पुढविभिच्छाइटिअवहारकालो असंखेज्जगुणो । को गुणगारो ? बारहवग्गमूलस्स असंखेजदिभागो असंखेजाणि तेरसवग्गमूलाणि । को पडिभागो ? जोणिणीअव
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मिथ्यादृष्टि विष्कंभसूची गुणकार है । भवनवासी मिथ्यादृष्टि विष्कंभसूचीसे पंचेन्द्रिय तिर्यंच मिथ्यादृष्टि अवहारकाल असंख्यातगुणा है। गुणकार क्या है ? सूच्यंगुलके प्रथम वर्गमूलका असंख्यातवां भाग गुणकार है । पंचेन्द्रिय तिर्यंच मिथ्यादृष्टि अवहारकालसे पंचेन्द्रिय तिर्यच अपर्याप्तोंका अवहारकाल विशेष अधिक है। कितनेमात्र विशेषसे अधिक है ? आवलीके असंख्यातवें भागसे पंचेन्द्रिय तिर्यंच मिथ्यादृष्टियोंके अवहारकालको खंडित करके जो एक भाग लब्ध आवे तन्मात्र विशेषसे अधिक है। पंचेन्द्रिय तिर्यच अपर्याप्त अवहारकालसे पंचेन्द्रिय तिर्यंच पर्याप्त मिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल असंख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? आवलीके असंख्यातवें भागका संख्यातवां भाग गुणकार है। पंचेन्द्रिय तिर्यंच पर्याप्त अवहारकालसे देव मिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल संख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है । देव मिथ्यादृष्टि अवहारकालसे ज्योतिषी मिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल विशेष अधिक है। कितनेमात्र विशेषसे अधिक है ? देव मिथ्याटियोंके अवहारकालको संख्यातसे खंडित करके जो एक खंड लब्ध आवे तन्मात्र विशेषसे अधिक है। ज्योतिषी मिथ्यादृष्टियोंके अवहारकालसे वाणव्यन्तर मिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल संख्यातगुणा है। गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है। वाणव्यन्तर मिथ्यादृष्टियों के अवहारकालसे पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिमती मिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल संख्यातगुणा है। गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है। तिर्यंच योनिमती मिथ्यादृष्टियोंके अव. हारकालसे दूसरी पृथिवीके मिथ्यादृष्टियोंका अवहारकाल असंख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? जगश्रेणीके बारहवें वर्गमूलका असंख्यातवां भाग गुणकार है जो जगश्रेणीके असंख्यात तेरहवें वर्गमूलप्रमाण है । प्रतिभाग क्या है ? योनिमतियोंका अपहारकाल प्रतिभाग
१ प्रतिषु ' संखेज्ज. असंखेज्ज.' इति पाठः।
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