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छक्खंडागमे जीवद्वाणं
[ १, २, ७३.
संगुण | को गुणगारो ? संखेज्जसमया । एवं यव्वं जाव उवरिमउवरिमगेवज्जो त्ति । तदो आणद- पाणदसासणसम्म इडिअवहारकालो संखेजगुणो । को गुणगारो ? संखेजसमया । आरणच्चु दस सणसम्म इडिअवहारकालो संखेज्जगुणो । को गुणगारो ? संखेज्जसमया । एवं णेयव्वं जाव उवरिमउवरिमगेवजो ति । तस्सेव दव्यमसंखेज्जगुणं । उचरिममज्झिमसासणसम्माइदिव्वं संखेज्जगुणं । एवमवहारकालपडिलोमेण णेयव्वं जाव सोहम्मीसाणअसंजदसम्माइदिव्वं त्ति । तदो पलिदोवममसंखे जगुणं । को गुणगारो ? अवहारकालो । सोहम्मीसाणविक्खंभसूई असंखेज्जगुगा । को गुणगारो ? सूचिअंगुलपढम वग्गमूलस्स असंखेजदिभागो असंखेजाणि विदियवग्गमूलाणि । केत्तियमेत्ताणि ? तदियवग्गमूलस्स असंखेज्जदिभागमेत्ताणि । को पडिभागो ? पलिदोवमपडिभागो । मणुसअपज्जतअवहारकालो असंखेज्जगुणो । को गुणगारो ? सूचिअंगुलविदियवग्गमूलं । णेरइयमिच्छाइ डिविक्खभसूई असंखेज्जगुणा । को गुणगारो : सूचिअंगुलतदियवग्गमूलं । भवणवासिय मिच्छाइट्ठिविक्खंभसूई असंखेज्जगुणा । को गुणगारो ? णेरइयमिच्छाइ डिविक्खंभसूई | पंचिदिय
उपरिम उपरिम ग्रैवेयकतक ले जाना चाहिये । उपरिम उपरिम ग्रैवेयकके सम्यग्मिथ्यादृष्टियोंके अबहारकालसे आनत और प्राणत के सासादनसम्यग्दृष्टियोंका अवहारकाल संख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है । इससे आरण और अच्युत के सासादनसम्यग्दृष्टियोंका अवहारकाल संख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है । इसीप्रकार उपरिम उपरिम ग्रैवेयकतक ले जाना चाहिये । उपरिम उपरिम ग्रैवेयक के सासादनसम्यग्दृष्टि अवहारकालसे उन्हींका द्रव्यप्रमाण असंख्यातगुणा है । इससे उपरिम मध्यम ग्रैवेयक के सासादनसम्यग्दृष्टियोंका द्रव्य संख्यातगुणा है । इसप्रकार अवहारकालके प्रतिलोम क्रमसे जब सौधर्म और ऐशान कल्पके असंयतसम्यग्हष्टियोंका द्रव्य आवे तबतक ले जाना चाहिये । सौधर्मद्विकके असंयतसम्यग्दृष्टि द्रव्यसे पल्योपम असंख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? अपना अवहारकाल गुणकार है । पत्योपमसे सौधर्म और ऐशानकल्पके मिथ्यादृष्टियोंकी विष्कंभसूची असंख्यातगुणी है । गुणकार क्या है ? सूच्यंगुलके प्रथम वर्गमूलका असंख्यातवां भाग गुणकार है जो सूचयंगुलके असंख्यात द्वितीय वर्गप्रमाण है । वे असंख्यात द्वितीय वर्गमूल कितने हैं ? सूच्यं गुलके तृतीय वर्गमूलके असंख्यातवें भागमात्र हैं । प्रतिभाग क्या है ? पल्योपम प्रतिभाग है। सौधर्मद्विककी मिथ्यादृष्टि विष्कंभसूची ले मनुष्य अपर्याप्त अवहारकाल असंख्यातगुणा है । गुणकार क्या है ? सूच्यंगुलका द्वितीय वर्गमूल गुणकार है। मनुष्य अपर्याप्त अवहारकालसे नारक मिथ्यादृष्टि विष्कंभ सूची असंख्यातगुणी है । गुणकार क्या है ? सूच्यंगुलका तृतीय वर्गमूल गुणकार है । नारक मिथ्यादृष्टि विष्कंभसूची से भवनवासियोंकी मिथ्यादृष्टि विष्कंभसूची असंख्यातगुणी है । गुणकार क्या है ? नारक
१ प्रतिषु ' पलिदोवम संखे जगुणं ' इति पाठः ।
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