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१,२, १०.] दव्वरमाणाणुगमे उवसामगपमाणपरूवणं
[९१ पंचमसमए एगजीवमाई काऊण जा उक्कस्सेण वायाल जीवा ति उवसमसेटिं चडति । छट्टसमए एगजीवमाई काऊण जा उक्कस्सेण अडदाल जीवा त्ति उवसमसेढिमारुहंति । सत्तमहमदोसु समएसु एकजीवमाई काऊण जावुक्कस्सेण चउवण्ण जीवा ति उवसमसेटिं चडंति । उत्तं च
सोलसयं चउवीसं तीसं छत्तीस तह य वायालं ।
अडयालं चउवण्णं चउवण्ण होइ अंतिमए ॥ ४२ ॥ अद्धं पडुच्च संखेना ॥ १०॥
पुव्वुत्तेसु असु समएसु एगेगगुणहाणम्हि उक्कस्सेण संचिदसधजीवे एगटुं कदे चउरुत्तरतिसयमेत्ता हवंति । तेसिं संखेवेण मेलावणविहाणं वुच्चदे । अटुं गच्छं दृविय सत्तारसमाई काऊण छ उत्तरं करिय संकलणसुत्तेण' मेलाविदे एगेगगुणहाणम्मि संचिदछत्तीस जीव तक उपशमश्रेणी पर चढ़ते हैं। पांचवें समयमें एक जीवको आदि लेकर उत्कृष्टरूपसे ब्यालीस जीव तक उपशमश्रेणी पर चढ़ते हैं। छठे समयमें एक जीवको आदि लेकर उत्कृष्ट रूपसे अड़तालीस जीव तक उपशमश्रेणी पर चढ़ते हैं। सातवें और आठवें इन दोनों समयों में एक जीवको आदि लेकर उत्कृष्टरूपसे चौवन चौवन जीव तक उपशमश्रेणी पर चढ़ते हैं। कहा भी है
निरन्तर आठ समयपर्यन्त उपशमश्रेणी पर चढ़नेवाले जीवों में अधिकसे अधिक प्रथम समयमें सोलह, दूसरे समयमें चौवीस, तीसरे समयमें तीस, चौथे समयमें छत्तीस, पांचवें समयमें ब्यालीस, छठे समयमें अड़तालीस, सातवें समयमें चौवन और अन्तिम अर्थात् आठवें समयमें भी चौवन जीव उपशमश्रेणीपर चढ़ते हैं॥४२॥
कालकी अपेक्षा उपशमश्रेणी में संचित हुए सभी जीव संख्यात होते हैं ॥१०॥
पूर्वोक्त आठ समयों में एक एक गुणस्थानमें उत्कृष्टरूपसे संचित हुए संपूर्ण जीवोंको एकत्रित करने पर तीनसौ चार होते हैं। आगे संक्षेपसे उन्हींके ओड़ करनेकी विधि कहते हैं
__ आठको गच्छरूपसे स्थापित करके, सत्रहको आदि अर्थात् मुख करके और छहको उत्तर अर्थात् चय करके 'पदमेगेण विहीणं' इत्यादि संकलन सूत्रके नियमानुसार जोड़ करने पर प्रत्येक गुणस्थानमें उपशमक जीवोंकी संचित राशिका प्रमाण तीनसौ चार भा जाता है।
उदाहरण-८ - १ = ७ + २ = ३३४ ६ = २१ + १७ = ३८ x ८ = ३०४.
१ गो. जी. ६२७. पं. सं. ६५, ६७.
२ स्वकालेन समुदिताः संख्येयाः । स. सि. १, ८. अद्ध पडच्च सेटीए हॉति सव्वे वि संखेज्जा। पञ्चसं. २, २३.
३१दमेगेण विहीणं दुभाजिदं उत्तरेण संगुणिदं । पभव जुदं पदगुणिदं पदगणिदं तं विजाणाहि। त्रि.सा. १६४. एकहीनं पदं वृद्धया ताडितं भाजितं द्विभिः। आदियुक्तं पराभ्यस्तमीप्सितं गणितं मतम् ॥ पं. सं. ७७.
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