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(७४) ३ बंधविधान
प्रकृति
स्थिति
स्थिति
प्रकृति
अनुभाग
अनुभाग
प्रदेश
प्रदश
उत्तर
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
- १ अर्धच्छेद
२ सर्व ३ नोसर्व ४ उत्कृष्ट ५ अनुत्कृष्ट ६ जघन्य ७ अजघन्य ८ सादि ९ अनादि १. ध्रुव ११ अध्रुव १२ स्वामित्व
१४ अन्तर १५ संनिकर्ष १६ भंग विचय २७ भागाभाग १८ परिमाण १९ क्षेत्र २० स्पर्शन २१ काल २२ अन्तर २३ भाव २४ अल्पबहुत्व
जघन्य
उत्कृष्ट
जघन्यस्थिति चूलिका ६
उत्कृष्टस्थिति चूलिका ७
४ दृष्टिवाद (१२ वां अंग)
परिकर्म
सूत्र
प्रथमानुयोग
वगत
सम्यक्त्वोत्पत्ति चूलिका ८
५ व्याख्याप्रज्ञप्ति (पांचवां अंग)
.
गति आगति चूलिका ९
इन वंश-वृक्षोंसे षटखंडागमका द्वादशांगश्रुतसे सम्बंध स्पष्ट हो जाता है और साथ ही साथ उस द्वादशांग वाणांके साहित्यके विस्तारका भी कुछ अनुमान किया जा सकता है।
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