________________
७०
सक्को
प्राकृत भाषाओं का तुलनात्मक व्याकरण संस्कृत के सिद्ध धातु प्राकृतों में मूल धातु के रूप में : संस्कृत पालि प्राकृत संस्कृत पालि प्राकृत गम् गम गम श्रु(श्रुणो) सुणो, सुणा सुण गम्(गच्छ्) गच्छ गच्छ प्र+आप् पापुणो, पाव
(प्राप्नो) पापुणा पा(पिब्) पिब पिब, पिअ
पप्पो, पाप भू(भव्) भव, हो भव, हव, शक्(शक्नो) सक्कुणो सक्कुणो
हुव, हो जि(जय्) जय, जे जय, जे
सक्कुणा सक्क मृ(मर) मर मर इष्(इच्छ्) इच्छ इच्छ नी(नय्) नय, ने नय, ने रुध्(रुन्ध्) रुन्ध पच् पच पय भुज्(भुञ्) भुञ्ज लभ लभ लह छिद्(छिन्द्) छिन्द वृत्(व) वट्ट, वत्त वट्ट तन्(तनो) तनो तण इ(ए) ए ए कृ(करो) करो, कर करो, कर स्वप् सुप सुव जि(जिना) जिना जिणा, जिण हन् हन हण क्री(क्रीणा) किणा किणा, किण दा(ददा) ददा, दे दे ग्रह(ग्रा) गण्हा, गण्ह गेण्ह, गह हा(जहा) जहा, जह जह ज्ञा(जाना) जाना जाणा, जाण नृत्(नृत्य) नच्च णच्च चु(चोरय्) चोरय, चोरे चोरे कुप(कुप्य्) कुप्प कुप्प कथ्(कथय्) कथय, कथे कहे विद्(विद्य्) विज्ज विज्ज तुल(तोलय्) तोलय, तोले तोले
रंध
भुंज
छिद
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org