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विविध प्राकृत भाषाएँ
(छ) चूळिका पैशाची
यह भाषा पैशाची भाषा का ही एक प्रभेद है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें घोष ध्वनियाँ अघोष हो जाती हैं : नकर (नगर), किरि (गिरि), मेख (मेघ), खम्म (धर्म), वक्ख (व्यघ्र), राचा (राजा), चीमूत (जीमूत), निच्छर (निर्झर), तटाक (तडाग), ठक्का (ढक्का), मतन ( मदन), तामोतर (दामोदर), मथुर (मधुर), पालक (बालक), फकवती (भगवती) र का ल में परिवर्तन वैकल्पिक है : लुद्द (रुद्र) ।
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