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प्राकृत भाषाओं का तुलनात्मक व्याकरण (छ) वयम् के लिए अप्फे का प्रयोग होता है। (ज) अ कारान्त पंचमी एक वचन में आतो और आतु विभक्ति प्रत्यय
लगाये जाते हैं :
जिनातो, जिनातु (जिनात्), तूरातो (दूरात्) (झ) भविष्य काल के लिए 'एय्य' प्रत्यय लगाया जाता है :
हुवेय्य (भविष्यति) (ट) संबंधक भूत कृदन्त 'त्वा' के लिए 'तून' का प्रयोग :
पठितून (पठित्वा), गंतून (गत्वा) (ठ) 'ष्ट्वा' के लिए 'त्थून' और 'खून' हो जाता है :
तत्थून, तद्भून (दृष्ट्वा ) कर्मणि प्रयोग का प्रत्यय ‘इय्य' है : पठिय्यते (पठ्यते), (हसिय्यते) (हस्यते), गिय्यते (गीयते)
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(ड)
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