________________
२२
प्राकृत भाषाओं का तुलनात्मक व्याकरण
(१७) षष्ठी एक वचन का एक अन्य विभक्ति प्रत्यय 'आह' :
कामाह (कामस्य)
(१८) षष्ठी बहुवचन का एक अन्य विभक्ति प्रत्यय : आहँ : शयणाहँ (शयनानाम् )
(१९) सप्तमी एक वचन के अन्य विभक्ति प्रत्यय म्सि और आहिं : गेहंसि (गृहे), पुत्ताहिं (पुत्रे), पवणाहिं (पवने)
(२०) अस्मद् सर्वनाम का प्रथमा एक वचन और बहुवचन का रूप हगे (अहम्, वयम्) मिलता है ।
(२१) युष्मद् सर्वनाम का षष्ठी एक वचन का रूप तव ( तव ) मिलता है ।
(२२) तद् और एतद् के सप्तमी एक वचन के रूप तरिंश और एदरिंश ( तस्मिन्, एतस्मिन्) मिलते हैं ।
(२३) स्वार्थे 'क'='अ' का अधिक प्रयोग मिलता है । (२४) कारक विभक्ति का• कभी लोप हो जाता है ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org