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( ३२ )
आलाप पद्धति
पुद्गल परमाणु एकप्रदेशी है । परन्तु वह स्कंधरूपसे बहुप्रदेशी बनता है । इसलिये उसको उपचारसे बहुप्रदेशी कहा
एयपदेसो वि अणू णाणाखंधप्पदेसदो होदि। बहुदेसो उवयारा तेण यकायो भणंति सव्वण्हू ।। द्रव्यसंग्रह२६
उपसंहार एकविंशति भावाः स्युः जीव-पुद्गलयोर्मताः । धर्मादीनां षोडश स्युः काले पंचदश स्मृताः ।।
इसप्रकार जीव और पुद्गलमे उपरोक्त एक्कीसस्वभाव कहे है । धादि तीन द्रव्योंमे १६ स्वभाव कहे है। काल द्रव्यमे १५ स्वभाव कहे है ॥
॥ इति स्वभाव अधिकार ।।
प्रमाण अधिकार ते कुत्तो ज्ञेयाः ।। ३२ ॥ प्रश्न - द्रव्य, गुण, पर्याय स्वभाव ये सब कैसे जाने जाते है ?
प्रमाण-नय-विवक्षातः ॥३३ ।। प्रमाण, नय तथा नयकी निक्षेपविवक्षाद्वारा जाने जाते है ।।
( प्रमाण नयैरधिगमः ) प्रश्न- प्रमाण किसे कहते है ? सम्यग्ज्ञानं प्रमाण ॥ ३४ ॥
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