SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 48
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अथ गुणाधिकारः लक्षणानि कानि ॥ ८ ॥ प्रश्न- लक्षण किसे कहते है ? द्रव्यके लक्षण कौनसे है ? उत्तर- व्यतिकीर्ण वस्तुव्यावृत्ति हेतुः लक्षणं । परस्पर मिली हुई वस्तुओमेसे विवक्षित वस्तुको पृथक् करनेवाला जो हेतु उसे लक्षण कहते है। ___ शक्ति, लक्षण, विशेष, धर्म, स्वरूप, गुण, स्वभाव, प्रकृति, शील आकृति ये सब गुणवाचक एकार्थवाचक है। ___ अस्तित्वं, वस्तुत्वं, द्रव्यत्वं, प्रमेयत्वं, अगुरुलघुत्वं, प्रदेशवत्वं, चेतनत्वं, अचेतनत्वं, मूर्तत्वं, अमूर्तत्वं इति द्रव्याणां दश सामान्य गुणाः ॥९॥ १ अस्तित्व २ वस्तुत्व ३ द्रव्यत्व ४ प्रमेयत्व ५ अगुरुलघुत्व ६ प्रदेशवत्व ७ चेतनाव ८ अचेतनत्व ९ मूर्तत्व १० अमूर्तत्व ये द्रव्योंके सामान्य गुण है। विशेषार्थ- सहभुवः अन्वयिनो गुणाः । द्रव्योंमे जो एकसाथ रहते है, इसलिये गुणोंको सहभू अथवा अक्रमभावी कहते है । द्रव्य अनेकान्तात्मक, परस्पर विरोधी सामान्य विशेषात्मक सत् असत् आत्मक, एक अनेकात्मक, नित्य अनित्यात्मक भेद अभेदात्मक, तत् अतत् स्वरूप, इस प्रकार परस्पर विरोधी धर्म युगपत् एकसाथ अविरोध अविनाभावरूपसे रहते है। Jain Education International For Private & Personal Use Only __www.jainelibrary.org
SR No.001365
Book TitleAalappaddhati
Original Sutra AuthorDevsen Acharya
AuthorBhuvnendrakumar Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1989
Total Pages168
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Nyay
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy