SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 452
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४१८ जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन शिवि राज्य को पंजाब के शोरकोट प्रदेश से समीकृत करते हैं। यही प्राचीन शिविपुर या शिवपुर था। अयोध्या : अयोध्या नौ योजन चौड़ी, बारह योजन लम्बी और अड़तीस योजन परिधि में थी।' यह पूर्व धातकीखण्ड के पश्चिम, विदेह क्षेत्र में गन्धिल देश में था। सुकोशल देश में अयोध्या नगर था । आधुनिक फैजाबाद जिले में अयोध्या नगर है। _ आदित्याभ : धातकीखण्ड के पूर्व भाग में मेरु पर्वत से पूर्व पुष्कलावती देश में आदित्याभ नगर था। पद्म पुराण में इसे आदित्य नगर एवं आदित्यपुर ' वर्णित है। इन्द्रपुर : यह बुलन्दशहर जिले के डिभई परगना से पांच किमी० पश्चिमोत्तर में स्थित था। उज्जयिनी" : उज्जयिनी जो अवन्ती या पश्चिमी मालवा की राजधानी थी एवं चर्मण्वती (चम्बल नदी) की सहायक शिप्रा के तट पर स्थित थी, वही मध्य प्रदेश में आधुनिक उज्जैन नगर है । २ उत्पलखेटक : पूर्व विदेह क्षेत्र में पुष्कलावती देश में उत्पलखेटक नगर था।" उशीरवती : पुष्कलावती देश के विजयाध पर्वत की दक्षिणी श्रेणी में एक गान्धार देश था, उसी में उशीरवती नगर था ।" १. लाहा-वही, पृ० ११२ २. पद्म ३१६६-१७२; हरिवंश १०।१६३; महा ७१४१ ३. वही ८१।१२० ४. महा ५६।२७६-२७७ ५. वही ७१।४१६ . ६. वही ६२।३६१ ७. पद्म १६१६१ ८. वही १५॥६, १०४७ ६. हरिवंश १७।२७, ३८।३६; महा ६५।१७६ १०. लाहा-वही, पृ० १४६ ११. पद्म ३३।७४; हरिवंश २०१३; महा ७०।२८० १२. लाहा-वही, पृ० ५०६ १३. महा ६।२७।। १४. वही ४६।१४५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy