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________________ भौगोलिक दशा ४१७ [ख] नगर १. समीकृत नगर : हमारे अधीत जैन पुराणों में अधोलिखित नगरों का वर्णन मिलता है, जिनका तादात्म्य तत्कालीन साहित्यिक एवं अभिलेखीय साक्ष्यों से होता है : अलका' : विदेह क्षेत्र के अन्तर्गत गन्धिल देश है और गन्धिल के मध्य में विजया पर्वत है। विजया पर्वत की उत्तरी श्रेणी पर अलकापुरी के होने का उल्लेख उपलब्ध है। श्री सूर्य नारायण व्यास ने इसे जोधपुर (जावालिपुर) से ७० मील दक्षिण में स्थित माना है। यह हिमालय के आस-पास है।' अजाखुरी : सुराष्ट्र देश में अजाखुरी नगर बताया गया है।" अमरकङ्कपुरी : अंग देश में अमरकङ्कपुरी नगरी थी।' अमरावती : इसका प्राचीन नाम धान्यघट या धान्यघटक था, जिसे धान्यकट या धान्यकटक से समीकृत करते हैं। अमरावती बेजवाड़ा से लगभग १८ मील पश्चिम आन्ध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के दाहिने तट पर धरणी के दक्षिण, इसके मुहाने से ६० मील दूर स्थित है। अश्वपुर : जम्बूद्वीप के पश्चिम विदेह क्षेत्र में पद्म देश में इस नगर का उल्लेख मिलता है। अरिष्टपुर : पूर्व विदेह क्षेत्र में पुष्कलावती देश में अरिष्टपुर नगर है।" कच्छकावती देश में अरिष्टपुर बताया गया है ।" यह शिवि राजा की राजधानी थी। १. पद्म २।३८; महा ४।१०४, ५६०२२६ २. महा ४११०४, ६२१५८ ३. सूर्य नारायण व्यास-विश्वकवि कालिदास : एक अध्ययन, इन्दौर, पृ० ७७ ४. हरिवंश ४४०२६ ५. वही पृ० ५४।८ ६. महा ६२०५ ७. लाहा-वही, पृ० २३५ ८. पद्म ५५।८७; महा ७३।३१-३२ ६. वही २०१४; हरिवंश ३१।८; महा ५।१६३ १०. महा ७१।४०० ११. हरिवंश ६०७५ २७ .Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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